* 250 आंदोलनकर्ता गिरफ्तार व रिहा
मोर्शी/ दि. 7- अप्परवर्धा प्रकल्पग्रस्तों की लंबी मांगो की पूर्तता के लिए वरिष्ठ नागरिक 20 दिनों से कडी धूप में अनशन पर बैठे है. लेकिन संबंधित अधिकारियों द्बारा कोई पहल न किए जाने से आंदोलनकर्ताओं ने मंगलवार 6 जून को मोर्शी- अमरावती मार्ग पर पंचायत समिति कार्यालय के सामने रास्ता रोको आंदोलन किया. मांगे पूर्ण न होने तक आंदोलन समाप्त न करने की भूमिका लिए जाने से कुछ समय के लिए तनावपूर्ण वातावरण निर्माण हो गया था. इस आंदोलन के कारण मार्ग का यातायात भी कुछ समय के लिए ठप हो गया था.
आंदोलन तीव्र होता देख मोर्शी पुलिस ने आंदोलनकर्ताओं को गिरफ्तार किया और पुलिस वैन में बैठाकर उन्हें पुलिस स्टेशन ले आए. इस अवसर पर अमरावती व वर्धा जिले के 250 से 300 आंदोलनकर्ताओं ने राज्य सरकार के विरोध में जोरदार नारेबाजी की. इस आंदोलन के पूर्व प्रकल्पग्रस्तों ने माहेवाडी में हल्लाबोल आंदोलन किया था. वहां से नांदगांवपेठ एमआयडीसी में होनेवाली जलापूर्ति बंद करने का भी प्रयास किया था. लेकिन मोर्शी पुलिस ने उसे विफल कर दिया था.
* क्या है मांग
अप्परवर्धा बांध में जिन किसानों की जमीन गई है. उन्हें अभी तक नुकसान भरपाई नहीं दी गई है. उन्हें मुआवजे के अंतर की रकम ब्याज समेत अदा करने, प्रत्येक प्रकल्पग्रस्त को पुनवर्सन कानून के मुताबिक बकाया रहित जमीन लाभ क्षेेत्र में अथवा अन्य स्थान पर देकर प्रकल्पग्रस्त प्रमाणपत्र धारक को शासकीय व प्रशासकीय सेवा में शामिल करने और यह संभव नहीं रहा तो प्रमाणपत्र धारको को 20 लाख रूपए सानूग्रह अनुदान देने, जल संपदा विभाग के पास इस्तेमाल में न रही जमीन प्रकल्पग्रस्तों को अपने परिवार का पेट भरने के लिए कायमस्वरूप देने की मांग की गई.
* आंदोलन में इन लोगों का समावेश
इस रास्ता रोको आंदोलन में प्रकल्पग्रस्त संघर्ष समिति के उमेश शहाणे, अमोल टाकले, केशवराव गुल्हाने, किसनराव ठाकरे, सुरेंद्र काले, गजू पुरी, चरणदास बारस्कर, ज्योतिराम बनेकर, केदारनाथ कुंभरे, नामदेव कडू, दिलीप पंडागले, रमेश कांडलकर, रवि कालमेघ, प्रकाश विघे, प्रशांत राउत, घनश्याम सोनारे, हरिभाउ नान्हे, प्रदीप भूते, प्रवीण चौधरी, प्रवीण सातपुरे समेत सैकडों प्रकल्पग्रस्त शामिल हुए थे.