विदर्भ

शक्कर कारखानों को लगी एफआरपी की कडवाहट

(Sugar factories) शक्कर का समर्थन मूल्य भाव ३५ रूपये किलो रहे

किसानों को मिलेगा टन १२५ रूपये ज्यादा

हिं.स./दि.२०

कोल्हापुर – इस वर्ष शक्कर के एफआरपी ने प्रति टन १०० रूपये बढ़ोतरी करने का निर्णय सरकार की ओर से लिए जाने से शक्कर कारखानों की दिक्कते बढ़ गई है. सरकार के इस फैसले से किसानों को बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष प्रति टन १२५ रूपये ज्यादा मिलेंगे. जिससे किसानों को राहत मिली है. लेकिन हाल की घडी में कारखानों संचालको के सामने बाधाओं का पहाड खडा है. शक्कर का समर्थन मूल्य भाव प्रति किलों ३५ रूपये किए बगैर वृध्दि कर एफआरपी देना संभव नहीं है. यहां बता दे कि राज्य के ३७ कारखानों को बैंकों की ओर से कर्ज नकार दिया गया है. शक्कर के भाव प्रति किलो ३५ रूपये किया गया तो केवल संपूर्ण एफआरपी दी जा सकेगी. लेकिन कारखानों का खर्च, कामगारों का वेतन और अन्य व्यवसायिक लेन-देन सहित कारखानों के ऊपर मंडरा रहे कर्ज की समस्या गंभीर ही रहेगी.

शक्कर की दर ३५ रूपये रखे गये तो दो हफ्तों में एफआरपी, दिक्कतों में घिरे कारखानों की रकम बकाया रहने की संभावना है. कृषि मूल्य आयोग की ओर से वर्ष २०२०-२१ के लिए एफआरपी में प्रति टन १०० रूपये बढ़ोतरी करने की सिफारिश की गई थी. बीते महिने में गृहमंत्री अमित शहा की अध्यक्षता में कोई मंत्री समूह की बैठक में यह बढ़ोत्तरी मंजूर की गई. वहीं बुधवार को हुई केन्द्रीय मंत्री मंडल की बैठक में इस पर मुहर लगाई गई. इसके अलावा आयोग ने शक्कर के बिक्री दरों में सुझाई गई. प्रति किलो २ रूपये की बढोतरी भी स्वीकार की गई. लेकिन इस पर मंत्रिमंडल की बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया गया. आगामी १ अक्तूबर से शक्कर प्रति किलो दर ३३ रूपये होंगे. लेकिन इसमें से एफआरपी देना असंभव है. बीते मौसम में शक्कर प्रति किलो दर ३१ रूपये थे. वहीं एफआरपी प्रति टन २७५० रूपये थी. शक्कर की दरों की तुलना में एफआरपी देते समय कारखानों को प्रति टन ३५० रूपये कम पड रहे थे. जिसके बाद कारखानदारों के राज्य और राष्ट्रीय स्तर की संगठनाओं ने शक्कर प्रति किलो दर ३५ रूपये करने की मांग की थी. लेकिन डिमांड किए गये दर से भी २ रूपये कम कर प्रति किलो ३३ रूपये शक्कर के बिक्री दर निर्धारित किए गये है. इसका अमल करने को लेकर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. शक्कर के हाल के दर की बढ़ोतरी एफआरपी को देखकर करने की मांग जोर पकडने लगी है.

  • गन्नों का बढ़ा उत्पादन खर्च को देखते हुए एफआरपी बढ़ोत्तरी का निर्णय स्वागत योग्य है. उनकी जोडी में शक्कर के समर्थन मूल्य में भी बढ़ोत्तरी की जा सकती थी. जिससे कारखानों के सामने की दिक्कते दूर हो सकती थी.

–  विजय औताडे, विशेषज्ञ शक्कर उद्योग

रिकवरी फीसदी     मिलनेवाला एफआरपी       कटाई छलनी       मिलनेवाली रकम

  • १०                                       २८५०                               ६२५                    २२२५
  • १०.५०                                 २९९३                                ६२५                    २३६८
  • ११.००                                  ३१३५                                ६२५                    २५१०
  • ११.५०                                 ३२६८                                 ६२५                    २६४३
  • १२.००                                  ३४२०                                ६२५                    २७९५
  • १२.५०                                 ३५६३                                ६२५                    २९३८

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