* बच्चों की बजाय पालकों में ज्यादा उत्साह
नागपुर/ दि.28 – राज्य की परीक्षा निपटने और गर्मी की छुट्टी लगने के बाद अब ग्रीष्मकालीन शिविर का मौसम शुरु हो गया है. पिछले दो वर्ष कोरोना की वजह से शिविर आयोजित नहीं हो पाया, मगर अब फिर एक बार पालक और विद्यार्थियों में इस शिविर को लेकर उत्साह दिखाई दे रहा है.
कोरोना की वजह से बच्चों को घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया था. पढाई भी ऑनलाइन होने के कारण बच्चे घंटो तक मोबाइल पर समय बीताते थे. प्रत्यक्ष मैदानी खेल, शारीरिक परिश्रम से बच्चे दूर हो गए थे. अब फिर से ग्रीष्मकालीन शिविर का अवसर आया है. शिविर, घुडसवारी, फुटबॉल, क्रिकेट, बैटमिंटन जैसे विभिन्न खेल आदि सिखने जाते है. कोरोना काल में केवल मोबाइल की दुनिया में गुम थे. नए दोस्तों से मुलाकात होने से मानसिक विकास भी होगा. दो वर्ष के बाद ग्रीष्मकालिन शिविर आयोजित होने से बच्चों से ज्यादा पालक उत्साही दिखाई दे रहे है.
इस बीच पहले की तरह शिविर को मिलने वाला प्रतिसाद कुछ हद तक कम हो गया है. इसके लिए विभिन्न बाते मायने रखती है. ग्रीष्मकालिन शिविर को पहले जैसे प्रतिसाद नहीं मिल रहा. गर्मी के बाद भी स्कूल शुरु रहने, कोरोना के कारण बच्चों की बाहर खेलने की आदत छूटने, इन सभी बातों का परिणाम इस वर्ष दिखाई दे रहा है, ऐसा रेशमबाग जिम्नॉस्टिक मंडल के संस्थापक सदस्य सिध्दार्थ श्रीरामे ने बताया.