अकोला दंगा मामले में पुलिस को सुप्रीम कोर्ट की नोटिस

वर्ष 2023 में भडका था दंगा, अगस्त तक जवाब दाखिल करने के निर्देश

अकोला /दि.31– अकोला में वर्ष 2023 के दौरान हुए दंगे से संबंधित एक मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अकोला पुलिस के नाम नोटिस जारी की है और पुलिस को 22 अगस्त तक इस मामले में जवाब पेश करने का आदेश दिया है. जिसके चलते दंगे में गंभीर रुप से घायल हुए मोहम्मद अफजल मोहम्मद शरीफ को अपनी याचिका हाईकोर्ट द्वारा खारिज किए जाने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट से कुछ उम्मीदे निर्माण हुई है. असोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिवील राईटस् (एपीसीआर) की सहायता से मोहम्मद अफजल द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित पक्षों के नाम नोटिस जारी की है.
यह याचिका 23 मई को न्या. संजयकुमार व न्या. के. वी. विश्वनाथन की खंडपीठ के सामने सुनवाई हेतु रखी गई. जहां पर वरिष्ठ विधिज्ञ अजय ठिपसे ने याचिकाकर्ता की ओर से युक्तिवाद किया और बताया कि, याचिकाकर्ता की शिकायत पर चार्जशीट दाखिल होने से ढाई माह पहले यानि जांच शुरु रहने के दौरान ही दर्ज की गई थी. इस याचिका में मुख्य रुप से पुलिस की जांच में रहनेवाली त्रुटी व हाईकोर्ट की ओर से संवैधानिक जिम्मेदारी की पूर्तता में रहनेवाली कमी पर जोर दिया गया और बताया गया कि, पुलिस ने इस बात की ओर ध्यान ही नहीं दिया कि, याचिकाकर्ता के सिर पर गंभीर चोट लगी थी और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जिसके संबंधित मेडीकल रिपोर्ट और फोटो भी उपलब्ध थे और इस मामले को मेडीको लिगल केस के तौर पर दर्ज किया गया था. जिसकी जांच करना पुलिस के लिए अनिवार्य था. परंतु पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की.
दंगे के प्रत्यक्षदर्शी व घायल मोहम्मद अफजल को अभियोजन पक्ष के गवाहों की सूची से हटा देना और उसके साथ घटित घटनाओं की जांच नहीं करना, यह पुलिस अधिकारियों की गलत नियत का निदर्शक है, ऐसा भी इस याचिका में कहा गया है. इस मामले में एपीसीआर की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ अजय ठिपसे सहित एड. फौजिया शकील, एड. शोएब इनामदार व एड. मोहम्मद हुजेफा द्वारा पैरवी की जा रही है और अब सभी का ध्यान 12 अगस्त को होनेवाली अगली सुनवाई की ओर लगा हुआ है.

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