विदर्भ

रिफाइनरी और फेरो अलॉय के लिए होगा विदर्भ में सर्वे

एमआईडीसी को इसके लिए नोडल एजेंसी नियुक्त किया

* घोषणा के बावजूद अब तक कोई पहल नहीं
नागपुर/दि.4– विदर्भ में रिफाइनरी अथवा पेट्रोकेमिकल काम्प्लेक्स के फेरो अलॉय के लिए अनेक दुविधा आ रही है. प्रकल्प की घोषणा के डेढ माह बाद राज्य सरकार ने तकनीकी व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार करने की मंशा जाहिर करते हुए एमआईडीसी को इसके लिए नोडल एजेंसी नियुक्त किया है. लेकिन सर्वे के लिए एमआईडीसी ने अब इस संदर्भ में कोई पहल नहीं की है.
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन पेट्रोलियम मंंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 29 जून 2021 में विदर्भ में रिफाइनरी समेत पेट्रोकेमिकल काम्प्लेक्स स्थापित करने की घोषणा कर तकनीकी व्यवहार्यता रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए थे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. 22 सितंबर 2022 को पेट्रोलियम मंत्री हरदीपसिंह पुरी ने चंद्रपुर में घोषणा करते हुए कहा कि, रत्नागिरी के बारसू में प्रस्तावित 60 एमटीपीए क्षमता की रिफाइनरी समेत पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स को 20 एमटीपीए की तीन ईकाईयों मेंं विभाजित कर विदर्भ में एक ईकाई लगाने पर विचार हो रहा है. 28 दिसंबर को राज्य सरकार ने इस कार्य के लिए एमआईडीसी को नोडल एजेंसी नियुक्त किया. एमआईडीसी के डेप्यूटी सीईओ उपेंद्र तमोरे ने 12 जनवरी को नागपुर के उद्योग भवन में हुई बैठक में घोषणा करते हुए कहा कि, पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स के साथ ही फेरो अलॉय के लिए सर्वे होगा, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई है. विदर्भ में प्रकल्प के लिए कोई सर्वे हुआ न रहते मध्यप्रदेश में रिफाइनरी समेत पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स के लिए पहल तेज हो गई है.

* अधिकृत आदेश की मांग
सूत्रों का कहना है कि एमआईडीसी ने इसकी रिपोर्ट तैयार करने के लिए केंद्र सरकार की कंपनी इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड से चर्चा जरुर की है. कंपनी ने एमआईडीसी से अधिकृत आदेश की मांग की, लेकिन पेंच फंसा हुआ है.

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