विदर्भ

क्रिसमस व नववर्ष की छूट्टियों में ताडोबा व्याघ्र प्रकल्प बना पर्यटकों की पसंद

कोअर, बफर जोन २ जनवरी तक आरक्षित

चंद्रपुर प्रतिनिधि/दि.२४ – क्रिसमस तथा नववर्ष की छूट्टियों में व्याघ्र पे्रमियों ने ताडोबा व्याघ्र प्रकल्प को अपनी पहली पसंद बनाया है. छूट्टियों में पर्यटक यहां पर आना पसंद कर रहे है. आगामी २ जनवरी तक प्रकल्प के कोअर बफर जोन के सभी प्रवेश द्वार ९५ फीसदी आरक्षित किए जा चुके है. विदर्भ में ताडोबा सहित पेंच, नवेगांव-नागझिरा मेलघाट व बोर व्याघ्र प्रकल्प की ओर भी पर्यटक जाना पसंद कर रहे है. ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के कोअर जोन के प्रवेश द्वार १ अक्तबूर से खोल दिए गए थे.
उसके पश्चात तीन महीनों में यहां पर आने वाले पर्यटकों की संख्या दिनों दिन बढती दिखायी दे रही है. शनिवार व रविवार को सर्वाधिक पर्यटकों की भीड यहां पर दिखायी देती है. जिसमें अब क्रिसमस व नववर्ष की छूट्टियो में पर्यटकों ने ताडोबा व्याघ्र प्रकल्प को अपनी पहली पसंद बनाया है.जिसके लिए पर्यटकों ने ऑनलाइन बुकिंग करवा ली है. प्रकल्प के अधिकांश प्रवेश द्वार शत प्रतिशत आरक्षित किए जा चुके है. ऐसी जानकारी सूत्रों द्वारा दी गई है.
पिछले कुछ दिनों से ताडोबा प्रकल्प में सुबह और दोपहर में पर्यटकों को यहां पर बाघों के दर्शन भी हुए है. साथ ही अन्य वन प्राणी भी पर्यटकों को दिखायी दिए. जिससे पर्यटकों का रोमांच और बढ गया है. क्रिसमस व नववर्ष की छूट्टियो के लिए पर्यटकों ने पहले से ही आरक्षण करवा लिया है जिसमें कोअर व बफर जोन की सभी बुकिंग अब तक फुल हो चुकी है.

  • नाईट सफारी को भी पर्यटकों का प्रतिसाद

ताडोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के कोअर जोन में मोहली, नवेगांव, पागंडी, झरी, कोलारा, खुटवंडा यह छह प्रवेश द्वार है. तथा बफर जोन में आगरझरी, मदनापुर, केसला, देवाडा, अडेगांव, जुनोना, नवेगांव, रामदेगी, अलीझंजा, कोलारा, खिरकाला, पागंडी, झरीपेठ १३ प्रवेश द्वार है. बफर जोन के जुनोना गेट में सुबह, दोपहर व रात में जंगल सफारी की सुविधा है. जिसमें नाईट सफारी को भी पर्यटकों द्वारा बडे प्रमाण में प्रतिसाद दिया जा रहा है ऐसी जानकारी प्रकल्प अधिकारियों द्वारा दी गई.

  • परदेसी पक्षियों का जमावडा

बाघो के लिए प्रसिद्ध ताडोबा प्रकल्प में अब परदेसी पक्षियों का भी जमावडा दिखायी दे रहा है. यहां पर बार हेडेड गीज ३३ हजार फुट उडने वाला रशीया का पक्षी, युरोपियन डक्स, रेड के्रस्टेड, पोचार्ड पक्षी भी इस प्रकल्प में दाखिल हो चुका है. उसी प्रकार ब्रामिनी डक्स याने चातक इन पक्षियों की जोडी पेयर फॉर लाइफ मानी जाती है. महाभारत व रामायण में इन पक्षियों का वर्णन है. तिब्बत व लद्दाख से भी बडे प्रमाण में मोहरली वन परिक्षेत्र में पक्षी दिखायी दे रहे है. अब यह प्रकल्प पर्यटकों का आकर्षण केंद्र बनता दिखायी दे रहा है.

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