विदर्भ

हज यात्रा के लिए अधिक शुल्क बाबत तत्काल निर्णय लें

उच्च न्यायालय के हज कमिटी ऑफ इंडिया को आदेश

* यात्रियों की 13 याचिका पर न्यायालय में सुनवाई
नागपुर/दि.20– मुस्लिमो के लिए काफी पाक माने जानेवाले हज यात्रा के दौरान लिए गए अतिरिक्त शुल्क बाबत मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में दायर विविध याचिका का तत्काल निपटारा करने के आदेश हज कमिटी ऑफ इंडिया को दिए हैं. इस कारण हज यात्रियों से लिया गया अतिरिक्त शुल्क वापस मिलने का मार्ग खुला हो गया हैं.

हज यात्रा के लिए विविध स्थानो से सफर की सुविधा की जाती हैं. लेकिन विविध स्थानो से अलग-अलग शुल्क लिए जाने से हज यात्रियों को ज्यादा पैसे गिनने पडते हैं. इस कारण अतिरिक्त शुल्क वापस मिलने के लिए हज यात्रियों ने याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई करने के बाद संबंधित निर्णय लेने का महत्वपूर्ण आदेश हज समिति को दिया हैं. हज यात्रियों ने इस संदर्भ में उच्च न्यायालय में 13 याचिका दायर की थी. इस पर न्यायमूर्ति अविनाश घरोटे व न्यायमूर्ति मुकुलिका जवलकर के समक्ष सुनवाई हुई. पश्चात न्यायालय ने विविध बातों को ध्यान में लेते हुए उपरोक्त आदेश देकर सभी याचिकाओं का निपटारा किया. गत वर्ष हज जाने के लिए राज्य में मुंबई, नागपुर और औरंगाबाद ऐसे 3 प्रस्थान केंद्र निश्चित किए गए थे. इन तीनो केंद्रो से अलग-अलग राशि मांगी गई थी. याचिकाकर्ता की तरफ से एड. एस. जागीरदार, एड. मो. अतिक ने काम संभाला.

* तीनों प्रस्थान केंद्र से अलग-अलग राशि की मांग
हज कमिटी ने पहले चरण में देश के यात्रियों से एक जैसे 2 लाख 51 हजार 800 रुपए अग्रिम शुल्क स्वीकारे थे. पश्चात प्रत्येक प्रस्थान केंद्र की विमान सेवा का विचार कर यात्रियों से अलग-अलग शेष रकम मांगी गई. मुंबई से जानेवाले यात्रियों से 53 हजार 43 रुपए, नागपुर से जानेवाले यात्रियों से 1 लाख 15 हजार 244 रुपए और औरंगाबाद से जानेवाले यात्रियों से 1 लाख 40 हजार 938 रुपए मांगे गए. इस तरह अलग-अलग रकम लेना भेदभावपूर्ण रहने की बात याचिकाकर्ताओं द्वारा कही गई थी.

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