विद्यार्थियों समेत शिक्षक स्कूल शुरू करने की लगा रहे गुहार
घर में रहकर बच्चों को घुटन महसूस हो रही है
* नन्हें-मुन्ने बच्चों को ऑनलाइन के नाम पर मोबाइल का शौक
दर्यापुर/दि.२६-लगातार दो वर्षो से कोरोना संकट के कारण संपूर्ण स्कूल-कॉलेज व अन्य शिक्षा संस्थाएं बंद है. २ वर्षो से शैक्षणिक नुकसान हो रहा है. आनलाइन शिक्षा के नाम पर नन्हें-मुन्ने विद्यार्थियों को मोबाइल का शौक लगता जा रहा है. जिससे घर में रहकर अब ऊब चुके विद्यार्थियों समेत शिक्षकों ने शिक्षा विभाग से स्कूल कॉलेज शुरू करने की गुहार लगाई है.
– दो वर्षो से शाला में एडमिशन लेने वाले नन्हें विद्यार्थियों ने शाला तक नहीं देखी. शिक्षको से तक नहीं मिल पाए है. स्कूल कैसी होती है. क्या पढ़ाया जाता है. इससे अनजान है.केवल आनलाइन शिक्षा के माध्यम से शिक्षा का केवल डंका पीटा जा रहा है. बेमन से आनलाइन स्कूलें शुरू करने शिक्षको को विवश होना पड रहा है. प्रत्यक्ष रूप से स्कूल बंद रहने से बालको के मन पर विपरित परिणाम हो रहा है. लेखन, वाचन,कौशल्य व शारीरिक बढोतरी पर असर हो रहा है. शहर के छोटे बच्चे हमारी स्कूल कब खुलेगी, कोरोना की छुट्टी अब तक खत्म नहीं हुई क्या, इस तरह के प्रश्न अभिभावको से पूछ रहे है.