विदर्भ

चार जिलों में रेत उत्खनन के टेंडर किये गये रद्द

हाईकोर्ट में उठा था मामला

नागपुर प्रतिनिधि/दि.६ – विदर्भ के चंद्रपुर, गोंदिया, भंडारा और गडचिरोली के जिलाधिकारियों ने दिसंबर में आयोजित रेत खनन के लिए टेंडर नोटिस रद्द कर दिए हैं. हाईकोर्ट में अमित केसरवानी व अन्य ने गोंदिया, चंद्रपुर में प्रस्तावित टेंडर प्रक्रिया का विरोध किया था. याचिकाकर्ता ने उक्त जिलों में वर्ष 2020-21 और 2021-22 के लिए आयोजित नीलामी प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
याचिकाकर्ता के अनुसार, ये टेंडर नोटिस स्वयं राज्य सरकार के जनवरी 2013 और सितंबर 2019 के जीआर का विरोधभासी था. इससे वर्ष 2016 से लेकर 2020 तक की रेत खनन नीति का भी उल्लंघन हुआ. उक्त टेंडर नोटिस के तहत घाट का ठेका 1 अक्टूबर से 30 दिसंबर तक के लिए वैध होता है. बरसात के महीनों में खनन बंद रखना होता है. टेंडर प्रक्रिया के तहत आवेदन ही 23 दिसंबर से शुरु हुए है.
ऐसे में ठेकेदारों को खनन के लिए सिर्फ 6-7 महीने ही मिलेंगे. कमी पूरी करने के लिए ठेकेदार पूरी क्षमता से खनन करेंगे. इस कारण नदियों पर बडे पैमाने पर खनन होगा. वहीं विदर्भ में बढते अवैध खनन के चलते एक जनहित याचिका में हाईकोर्ट ने रेत खनन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश लागू किये थे. सरकार ने इसे नीति का स्वरुप देकर अपनाया था. इसके अनुसार रेत खनन के लिए साल के मई और सितंबर में सर्वे करने, रेत को नुकसान न करें इस प्रकार खनन करने, जिला सर्वे रिपोर्ट, मानसून के बाद दोबारा सर्वे करने, माइनिंग प्लान तैयार करने, पर्यावरण मंत्रालय अनुमति लेने जैसे नियमों का पालन नहीं हुआ. हाईकोर्ट ने इस मामले में 30 दिसंबर को नोटिस जारी किया था. याचिकाकर्ता की ओर से एड. श्रीरंग भंडारकर और एड. निधि दयानी ने पक्ष रखा.

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