विदर्भ

‘वह’ तेंदुआ फिर पिंजर में कैद हो ही गया

पिछले 15 दिनों से मचा रखा था आतंक

* टायगर प्रोजेक्ट दल को मिली सफलता
धारणी/ दि.24 – धारणी तहसील के गोलाई, राणीगांव, मोथा, पंजोली, सिनबन गांव में पिछले 15 दिनों से आतंक मचाने वाले तेंदुए ने 6 मवेशियों का शिकार कर लिया. उस तेंदुए को इससे पहले पिंजरे में कैद किया था, परंतु वह पिंजरा तोडकर भाग गया था. आखिर टायगर प्रोजेक्ट के दल ने गुरुवार तडके 6.30 बजे उस तेंदुए को कैद करने में सफलता हासिल की. जिससे उस परिसर के आदिवासी बांधवों ने राहत की सांस ली है.
धारणी से 60 किलोमीटर दूर वन्यजीव विभाग तथा धुलघाट रेलवे रेंज स्थित गोलाई समेत अन्य नजदीकी गांवों में उस तेंदुए ने दहशत फैला रखी थी. किसान काफी डरे हुए थे. 10 दिन पूर्व तेंदुए को पकडने के लिए पिंजरा लगाया गया था. उस पिंजरे में फंसने के बाद तेंदुआ पिंजरा तोडकर भाग गया था. जिससे लोगों में काफी खौफ फैल गया. खेतों में किसानों ने रात के वक्त जाना बंद कर दिया. अकोट वन्यजीव विभाग व्दारा परतवाडा तथा अमरावती के बाघ सुरक्षा पथक ने लोहे के पिंजरे लगाकर तेंदुए को पकडने का प्रयास किया. मगर इस बार पिंजरा तोडकर भाग चुके तेंदुए को फिर से पकडना काफी घातक था. इसके बाद भी मेलघाट टायगर प्रोजेक्ट के कर्मचारियों ने रेजर पंकज अलसपुरे, सहायक वन संरक्षक निकम और डीएफओ के मार्गदर्शन में कडी मेहनत करते हुए बडी चतुराई के साथ 23 फरवरी की शाम उस तेंदुए को फिर से कैद करने में सफलता हासिल की. तेंदुए को कैद करने के बाद उसे मेलघाट टायगर प्रोजेक्ट ले जाया गया. उस समय तेदुए को देखने के लिए गांववासियों की भारी भीड उमड पडी थी. देर रात के समय उस तेंदुए को स्थानबध्द किया जाएगा, ऐसी जानकारी मिली है. आखिर उस आतंकी तेंदुए को पकडने के बाद गांववासियों ने राहत की सांस ली.

 

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