विदर्भ

पृथ्वी के इर्दगिर्द मंडरा रहे 27 हजार टूकडे

विदर्भ में गिरे अंतरिक्ष कचरे से मानवीय सुरक्षा खतरे में

नागपुर/ दि.8 – आसमान से विदर्भ के कुछ भाग में अंतरिक्ष के कचरे के कुछ टूकडे गिरे. जिससे मानवीय सुरक्षा खतरे में दिखाई दे रही है. पृथ्वी के इर्दगिर्द 27 हजार से अधिक टूकडे मंडरा रहे है, ऐसी सनसनीखेज जानकारी नासा ने प्रकाशित किये है. वे टूकडे भी इसी तरह गिरते रहना मानव जीवन के लिए खतरनाक साबित होने की बात कही जा रही है. इस खतरे से बचने का प्रयास किया जाना चाहिए.
पिछले हफ्ते विदर्भ के कुछ जिलों में आसमान से आग के गोले की तरह दिखाई दिये कुछ टूकडे आसमान से पृथ्वी की दिशा में तेजी से गिरे. चंद्रपुर जिले में यह अवशेष बडी संख्या में मिल रहे है. सौभाग्य की बात यह है कि, अंतरिक्ष कचरे के गिरने से किसी तरह की जनहानि नहीं हुई, लेकिन भविष्य में भी ऐसा नहीं होगा, इस बात का विश्वास दिलाना मुश्किल है. इसके मद्देनजर नासा के वेबसाईट से प्राप्त जानकारी के अनुसार अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ डिफेन्स ग्लोबल स्पेस सर्विलियन्स ने पृथ्वी के उपर 27 हजार से अधिक टूकडे मंडराने का दावा किया है. इसके अलावा कुछ टूकडे काफी छोटे रहने से उनका पता लगाना मुश्किल है.
मगर यह टूकडे मानवीय अंतरिक्ष, रोबोटीक अभियान तथा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशनों के लिए खतरा साबित हो सकते है. मानव व्दारा अंतरिक्ष में छोडे गए उपग्रह, स्पेस शटल या रॉकेट का वेग तेज रहता है. यह गति अनुमानित प्रति घंटे 15700 मिल रहती है. ऐसे में कचरे का छोटासा टूकडा भी गिरने से उस उपग्रह या रॉकेट का सत्यानाश कर सकता है. यह कचरा अंतरिक्ष स्टेशन के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है. सूत्रों के अनुसार 1980 दशक में फ्रान्स व्दारा अंतरिक्ष में छोडे गए रॉकेट में आग लगी और वह नष्ट हो गया. उसके टूकडे अंतरिक्ष में घूम रहे थे. इसके बाद कुछ समय पश्चात 1996 में फ्रान्स ने एक उपग्रह अंतरिक्ष में छोडा था. यह उपग्रह रॉकेट के टूकडों से टकराने के कारण उसे नुकसान हुआ था.

सॉफ्ट बॉल से बडे है 23 हजार टूकडे
इस बारे में खगोल शास्त्री डॉ.सुरेश चोपणे ने बताया कि, नासा की रिपोर्ट के अनुसार अंतरिक्ष में कचरे के 23 हजार टूकडे सॉफ्ट बॉल से थोडे बडे आकार के है. प्राकृतिक उल्कापींड और मानवीय अंतरिक्ष अभियान का कचरा भी अंतरिक्ष कचरे के रुप में गिने जाते है. इसमें उल्कापींड, सूर्य तथा मानवीय अंतरिक्ष अभियान के टूकडे पृथ्वी की कक्षा में घूमते है. यह सभी टूकडे मनुष्य के लिए खतरनाक है. वे उपग्रह और रॉकेट पर गिरने से नष्ट होने तथा पृथ्वी पर टूकडे गिरने का खतरा है. इन टूकडों का स्थान व गति का सही अध्ययन कर अपने अंतरिक्ष अभियान का नियोजन करने की नीति विश्व के सभी देशों ने अपनाई है. इसमें सभी देश एक दूसरे से समन्वय करते दिखाई दे रहे हैं.

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