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नागपुर /दि.14– गरीबी के कारण जुर्माना अथवा जमानत की रकम अदा करना नामुमकीन रहने से देश के कारागृहों में लाखों कैदी अभी भी कैद है. ऐसे सभी कैदियों के जुर्माने और जमानत की रकम केंद्र सरकार अदा करने वाली है. इसकी शुरुआत मध्यप्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ राज्यों से इसके पूर्व ही हो गई है. अब महाराष्ट्र में ही यह योजना चलायी जाने वाली है.
देश के कारागृह में ऐसे लाखों कैदी है, जिनका अपराध छिटपुट है. उन्होंने न्यायालय द्वारा सुनाई गई सजा भी पूर्ण कर ली है. लेकिन उनके पास जुर्माना अदा करने के लिए अथवा जमानत की रकम भरने के लिए पैसे नहीं है. अनेक कैदी केवल 1 से 5 हजार रुपए जुर्माने की रकम अदा न करने से जेल में है. इस कारण कारागृह में कैदियों की संख्या बढ रही है. इस कारण केंद्र सरकार ने ऐसे कैदियों की रिहाई के लिए जुर्माने की रकम भरने का निर्णय लिया है. महाराष्ट्र में हाल ही में एक पर्यवेक्षक समिति गठित की गई है. अध्यक्ष पद पर पुणे-नागपुर विभाग की उपमहानिरीक्षक स्वाति साठे रहेगी. येरवडा के अधीक्षक सुनील ढमाल, नागपुर कारागृह के अधीक्षक वैभव आगे का भी सदस्य के रुप में समिति में समावेश है.
* इन कैदियों को लाभ नहीं
बलात्कार अथवा हत्या, विनयभंग, हत्याकांड, आर्थिक जालसाजी, मादक पदार्थ की बिक्री, रिश्वतखोरी, देशविरोधी कार्रवाई, नक्सलवादी कार्रवाई और गंभीर स्वरुप के मामले में सजा हुए कैदियों को इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा.
* योजना से जेल की भीड कम होगी
गरीब और छिटपुट अपराधों के कैदियों की अथवा जमानत की रकम शासन की तरफ से अदा की जाने वाली है. इसके लिए समिति गठित की गई है. इस योजना के कारण कारागृह की भीड कम होगी.
– प्रशांत बुराडे,
अपर पुलिस महासंचालक,
कारागृह विभाग.