वर्धा/दि.२५ – भाजपा सरकार के दौर में राज्य सरकार ने मिसाबंदी व सत्ताधारियों के लिए सम्मान निधि शुरू किया था. लेकिन महाविकास आघाडी सरकार ने यह निधि बंद किया है.सहकार के आदेश के खिलाफ लोकतंत्र सेनानी संघ ने उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर कर वह वापस शुरू करने की मांग की है. जिसे अब न्यायालय के निर्णय पर सभी की निगाहे टिकी हुई है.
बता दे कि लोकतंत्रवाले देश में पुन: लोकतंत्र स्थापित करने के लिए अनेक लोग मिसा अधिनियम के तहत जेल में गये थे. उनको छुडाने के लिए उस समय १८ से २० वर्ष के युवको ने अपने अगले परिणामों की चिंता न करते हुए सत्याग्रह जेलभरो आंदोलन किया. परिणामस्वरूप इंदिरा गांधी ने देश पर वर्ष १९७५ में लादी गई आणीबाणी हटाने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार को मजबूत किया था. लोकतंत्र सैनानियों को भाजपा सरकार ने प्रतिमाह १० हजार रूपये तथा उनकी विधवाओं को ५ हजार रूपये मानधन शुरू किया था. लेकिन महाविकास आघाडी सरकार ने विगत ३१ जुलाई को एक आदेश निकालकर वह माध्यम बंद कर दिया. मिलने वाला सम्मान निधि सरकार किसी भी हालत से बंद नहीं कर सकती. फिर भी महाविकास आघाडी सरकार ने यह बंद कराई है. जिसके खिलाफ लोकतंत्र सैनानी संघ की ओर से विजय फलके, अरविंद ओक, राजा सावरकर, मोहन जगताप ने याचिका दाखिल की. जिस पर एड. समीर व सुकृत सुहानी पक्ष रखेंगे.