‘समृद्धि’ की स्थिति नहीं सुधरी, तेल कंपनियां ने कहा झूठ
याचिकाकर्ता वडपल्लीवार ने हाईकोर्ट में दिया हलफनामा

नागपुर/दि.3– राज्य सरकार का महत्वाकांक्षी प्रकल्प रहनेवाले समृद्धि महामार्ग पर मूलभूत सुविधाओं को लेकर इंडियन ऑईल, भारत पेट्रोलियम व हिंदुस्थान पेट्रोलियम इन तीनों कंपनियों द्वारा दर्शाया गया सुंदर चित्र पूरी तरह से झूठा है और स्थिति में अब भी कोई समाधानकारक बदलाव नहीं हुआ है, ऐसी जानकारी जनहित याचिकाकर्ता अनिल वडपल्लीवार ने गत रोज मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ को दी. साथ ही उन्होंने इस बारे में एक प्रतिक्रिया पत्र भी पेश किया.
बता दें कि, समृद्धि एक्सप्रेस वे पर पेट्रोल पंप परिसरों में स्वच्छ प्रसाधन, पीने के शुद्ध पानी, साफसफाई व बेहतर उपहार गृह की सुविधा है, ऐसी जानकारी तेल कंपनियों द्वारा न्यायालय को दी गई थी. जिसके बाद वडपल्लीवार ने इस जानकारी की सत्यता जाचने हेतु समृद्धि महामार्ग पर तीनों कंपनियों के विविध पेट्रोल पंपों को भेंट दी, तो बेहद विसंगत परिस्थिति दिखा दी. ज्यादातर पेट्रोल पंपों के प्रसाधन गृह गंदगी व दुर्गंध से भरे हुए थे.
* 23 अप्रैल को अगली सुनवाई
समृद्धि महामार्ग पर रहनेवाली समस्याओं के संदर्भ में वडपल्लीवार की जनहित याचिका अदालत में प्रलंबित है. इस याचिका पर 23 अप्रैल को न्या. नितिन सांबरे व न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई होगी. उस समय वडपल्लीवार द्वारा तेल कंपनियों पर लगाए गए आरोपों पर विचर किया जाएगा.
* याचिका में की गई मांगे
समृद्धि महामार्ग पर मूलभूत सुविधाओं का नियमित निरीक्षण करने हेतु न्यायिक अधिकारी, पर्यावरण विशेषज्ञ व सार्वजनिक सुरक्षा अधिकारी की स्वतंत्र समिति स्थापित की जाए.
– समृद्धि महामार्ग पर आवश्यक स्थानों पर सूचना फलक व स्ट्रीट लाईट लगाए जाए.
– वैद्यकीय उपचार सुविधा व पेट्रोलिंग यूनिट उपलब्ध कराए जाए.
– स्थायी तौर पर आरटीओ केंद्र व ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया जाए.
– पेट्रोल पंपों पर रहनेवाली अस्वच्छता के लिए तेल कंपनियों को जिम्मेदार माना जाए.