समृद्धि के ठेकेदार को भरना ही पड़ेगा 328 करोड़ रुपए का जुर्माना
अवैध उत्खनन का मामला : सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज की अपील
औरंगाबाद/दि.6 – नागपुर-मुंबई समृद्धि महामार्ग के जालना जिले के निर्माणकार्य का ठेका लेने वाले मॉटेकार्लो लि. आयर्न ट्रँगल इस गुजरात के ठेकेदार कंपनी ने अवैध गौण खनिज उत्खनन के नाम से प्रशासन द्वारा ठोके गए 328 करोड़ रुपए की जुर्माने के खिलाफ की गई अपील सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दी. इस कंपनी को तहसीलदारों द्वारा किया गया जुर्माना अब भरना ही पड़ेगा.
समृद्धि महामार्ग के जालना जिले का ठेका मॉटेकार्लो लि. आयर्न ट्रँगल ओइस कंपनी को मिला है. इस कंपनी ने करीबन दो वर्ष जालना व बदनापुर तहसील के 25 गांवों से मुरुम, मिट्टी व रेती का कानून के खिलाफ उत्खनन किया था. इस बाबत तत्कालीन जिलाधिकारी रविन्द्र बिनवडे ने जांच समिति का चयन किया था. जालना तहसील के तहसीलदार श्रीकांत भुजबल एवं बदनापुर की तत्कालीन तहसीलदार छाया पवार ने संयुक्त रुप से प्रत्यक्ष स्थल की जांच कर दोनों तहसीलों में करीबन 328 करोड़ रुपए का गौण खनिज का अनुमति की अपेक्षा अधिक उत्खनन किए जाने बाबत रिपोर्ट में कहा गया. जिसके अनुसार यह 328 करोड़ रुपए का जुर्माना कंपनी पर ठोका गया था.
खंडपीठ ने याचिका खारिज करने के बाद कंपनी ने सर्वोच्च न्यायालय में गुहार लगाई थी. यहां न्यायमूर्ति संजय किशन कौल एवं न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश की खंडपीठ ने 3 दिसंबर को जालना के जिलाधिकारी एवं तहसीलदार द्वारा की गई कार्रवाई को वैध ठहराते हुए ठेकेदार की याचिका खारिज की.
औरंगाबाद खंडपीठ के न्यायमूर्ति मंगेश पाटिल ने मॉटेकार्लो लि. के ठेकेदार कंपनी की कुल तीन याचिका खारिज की है.
- हमारे द्वारा ठोका गया जुर्माना मान्य हुआ है. अब हमारे सामने कंपनी से यह जुर्माना वसुल करे का आव्हान होकर विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में कार्रवाई की जाएगी.
– श्रीकांत भुजबल, तहसीलदार, जालना