विदर्भ

ज्ञान की महाशक्ति बनेगा देश

केंद्रीय शिक्षामंत्री पोखरियाल ने जताया भरोसा

नागपुर प्रतिनिधि/दि.29 – नई शैक्षणिक नीतियों से काफी बदलाव होगा. गुणवत्ता का सर्वसमावेशक विकास और अंतरराष्ट्रीय दर्जे की योग्यता यह दोनों पहलु साध्य होंगे. देश को ज्ञान क्षेत्र में महाशक्ति बनाने का काम इस शैक्षणिक नीति से पूरा होगा, इस आशय का प्रतिपादन केंद्रीय शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने व्यक्त किया.
सोमवार को वीएनआईटी (विश्वेश्वरय्या नेशनल इंस्टिट्युट ऑफ टेक्नॉलॉजी) का 18वां दीक्षांत समारोह हुआ. इस समारोह में बतौर अतिथि के रुप में बोल रहे थे. ऑनलाइन हुए कार्यक्रम में केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री संजय धोेत्रे, एलएन्डटी के वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष जयंत पाटिल, संस्था संचालक डॉ.प्रमोद पडोले मौजूद थे. पोखरियाल ने कहा कि आने वाले दौर में देश में विश्वभर के विद्यापीठे आयेगी और यहां के विद्यापीठ बाहरी देशों में जाएंगे. देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा और मौके उपलब्ध हो रहे है. देश ने आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया का सपना देखा है. इसके लिए अभियान चलाया जा रहा है. इंजीनिअरिंग शिक्षा में कुशलता का उपयोग कर नए पदवीधारकों ने अभियान का राजदूत बनना चाहिए. देश में होने वाले वायफाय क्रांति से अनेक मौके उपलब्ध होंगे. इससे पहले एसटीडी-पीसीओ से बडे बदलाव देश में हुए है. इसके अलावा वायफाय से भी काफी बदलाव होंगे. नागपुर और परिसर के जंगल, मानव व वन्यजीव संघर्ष, पर्यावरण के मुद्दों को तकनीकी सहायता से कैसे सुलझाया जाए, इसके लिए प्रयास करने की जानकारी सांसद संजय धोत्रे ने दी. प्रास्ताविक में प्रा.पडोले ने वीएनआईटी के विविध प्रकल्पों व अनेक क्षेत्रों में किये गए कार्यों पर प्रकाश डाला. संशोधन पर भी संस्था ने बेहतरीन कार्य किया है, इसका भी विशेष तौर पर उल्लेख किया. दीक्षांत समारोह का संचालन डॉ.मीरा धाबु ने किया. आभार कुलसचिव डॉ.एस.आर.साठे ने माना.

  • 1 हजार 134 पदवी व 45 मेडल दिये गए

दीक्षांत समारोह में कुल 1 हजार 134 पदवी प्रदान की गई. इनमें 61 पीएचडी, 268 एमटेक, 94 मास्टर ऑफ सायन्स, 648 बीटेक और 63 बैचलर ऑफ आर्कीटेक्चर डिग्रियों का समावेश है. संशोधक और छात्रों को 45 मेडल दिये गए. विविध शाखा अधिष्ठाताओं ने विजेता के नामों की घोषणा की.

  • अब्दुल सत्तार को विश्वेश्वरय्या पदक

सभी बीटेक शाखाओं से सीजीपीए पंजीयन कराने वाले अब्दुल सत्तार मोहम्मद अश्रफ मापारा को सर विश्वेश्वरय्या मेडल से सम्मानित किया गया. कम्प्यूटर सायन्स इंजीनिअरिंग के छात्र रहने वाले अब्दुल सत्तार को एन.जी.जोशी पुरस्कार, डॉ.ए.जी.पैठनकर मेडल और महामहोपाध्याय पद्मविभुषण डॉ.वी.वी.मिरासी पदक भी प्रदान किया गया है. बीटेक सीविल इंजीनिअरिंग की छात्रा चेतना श्रीवास्तव को सर्वाधिक पुरस्कार और मेडल भी मिले है. इसके अलावा अन्य छात्रों को भी पुरस्कृत किया गया है.

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