विदर्भ

कोर्ट ने पिता को लगाई फटकार

बेटे को गुजारा भत्ता देने के दिए निर्देश

नागपुर/दि.27-बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ की फटकार लगाने के बाद एक मुजोर पिता सीधा हो गया. उन्होंने बच्चे को 3 लाख 12 हजार रुपये गुजारा भत्ते का भुगतान नहीं किया था. अब उन्हें बच्चे को यह रकम 25 हजार रुपये की मासिक किस्त के रूप में देना होगा. इसके अलावा कोर्ट ने पिता को बच्चे की पढाई का खर्च भी देने का निर्देश दिया है.
बच्चे के माता-पिता का परिवार विवाद के चलते आपसी सहमति से तलाक हो गया. पिता सहायक अध्यापक हैं और नरखेड के रहने वाले हैं. इन्हें 70 हजार रुपये मासिक वेतन मिलता है. लेकिन उन्होंने बच्चों के पालन-पोषण और शिक्षा के लिए कोई सुविधा नहीं दी. बच्चे की मां को कम वेतन में बच्चे का भरण-पोषण करना मुश्किल हो रहा था. परिणामस्वरूप, 13 अक्टूबर, 2021 को उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि बच्चे को 7,500 रुपये का मासिक भरण-पोषण दिया जाए. पिता ने आदेश का पालन नहीं किया. लडके ने हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी. याचिका पर सुनवाई के दौरान उनके उपस्थित नहीं होने पर अदालत ने जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. इस झटके के बाद पिता ने कोर्ट में पेश होकर बेटे को पेशगी देने का आश्वासन दिया. न्या.नितिन सूर्यवंशी और प्रवीण पाटिल के समक्ष सुनवाई हुई. बच्चे की ओर से एड.अमृता गुप्ता ने पैरवी की.
* पारिवारिक न्यायालय में आवेदन
बच्चे ने शुरुआत में भरण-पोषण के लिए फैमिली कोर्ट में अर्जी दाखिल की. फैमिली कोर्ट ने उन्हें पांच हजार रुपये का गुजारा भत्ता दिया था. लडके को यह फैसला मंजूर नहीं था. इसलिए उसने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर गुजारा भत्ता बढाने की मांग की. उच्च न्यायालय ने याचिका स्वीकार कर ली और अक्टूबर-2015 से संबंधित बढा हुआ गुजारा भत्ता मंजूर किया.

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