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सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती
नागपुर प्रतिनिधि/दि.10 – तीन संतान रहने वाले उम्मीदवार को ग्रामपंचायत चुनाव लडते आता या नहीं? इस लॉ पाँईट पर नागपुर खंडपीठ ने राज्य सरकार को 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिये थे. इस संदर्भ में 11 जनवरी को मुंबई हाईकोर्ट ने निर्णय लेने से न्यायमूर्ति विनय देशपांडे ने याचिका का निपटारा किया है.
हितेश मधुकर वाडेकर (शेलु बाजार, वाशिम) यह याचिकाकर्ता उम्मीदवार का नाम है और वे शेलु बाजार ग्रामपंचायत चुनाव में बतौर सदस्य निर्वाचित हुए थे. हाईकोर्ट के निर्णय से उनके सदस्य पद पर ही प्रश्नचिन्ह निर्माण हुआ है. जिससे वे हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे. उम्मीदवार की पहली संतान मृत होने से उन्हें चुनाव लडने से अपात्र नहीं करते आता, ऐसा निरीक्षक न्यायमूर्ति मनीष पितले ने 4 जनवरी को नोंद कर याचिकाकर्ता को चुनाव लडने दो, ऐसा आदेश चुनाव निर्णय अधिकारी को दिये थे.
हितैश ने शेलु बाजार ग्रामपंचायत चुनाव के लिए 29 दिसंबर 2020 को नामांकन अर्जी दाखिल की थी किंतु उनकी नामांकन अर्जी पर सुनील हरने ने आपत्ति ली कि हितैश वाडेकर को तीन संतान रहने से उनका नामांकन रद्द करना चाहिए, सुनील हरने की आपत्ति को मान्य कर चुनाव निर्णय अधिकारी ने वाडेकर का नामांकन पर्चा रद्द किया था. चुनाव निर्णय अधिकारी के आदेश के खिलाफ वाडेकर ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. वाडेकर ने याचिका में ऐसा कहा था कि उनका पहला लडका आयुष का जन्म 16 मई 2017 को हुआ और 7 अगस्त 2017 को उसकी मृत्यु हो गई. उन्होंने नामांकन पर्चा दाखिल किया उस समय दो संतान रहने का उल्लेख किया. एड. संतोष चांडे ने हाईकोर्ट को बताया कि सेक्सन 14 (1)(जे-1) इस कलम में (हयात) यह शब्द रहने से नामांकन अर्जी दाखिल करते समय वाडेकर की 2 संतान हयात थी. जिससे वे चुनावी मैदान से बाद हो ही नहीं सकते, न्यायमूर्ति मनीष पितले ने प्राथमिक रुप से यह मुद्दा मान्य कर याचिकाकर्ताओं का नामांकन अस्थायी रुप से स्वीकार कर चुनाव चिन्ह वितरित करने के आदेश दिये थे. इस संदर्भ में मुंबई हाईकोर्ट ने निर्णय लिया है. इस निर्णय के आधार पर न्यायमूर्ति देशपांडे ने वाडेकर की याचिका का निपटारा किया है. जिससे याचिकाकर्ता एड.संतोष चांडे व्दारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे.