विदर्भ

निम्न वर्धा प्रकल्प 42 वर्ष बाद भी अधूरा ही

सिंचाई का भी अभाव ः पांच गांवों के पुनर्वसन का प्रश्न कायम ही

आर्वी/दि.20– जिले की सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए आर्वी तहसील के धनोडी गांव के पास निम्न वर्धा प्रकल्प का काम शुरु हुए 42 वर्ष हो गए. लेकिन अब तक खेतों को पानी देने वाला यह प्रकल्प पूर्ण नहीं हो सका. 1971 में 48.08 करोड़ रुपए का यह प्रकल्प अब 3615.21 करोड़ पर पहुंच गया है.
निम्न वर्धा प्रकल्प के कारण परिसर के 21 गांवों का पुनर्वसन अब तक नहीं हुआ. जिन गांवों का पुनर्वसन हुआ, वहां भी नागरी सुविधाओं की कमी है. 42 वर्ष की कालावधि में चार बात इस प्रकल्प की कीमतें बदली गई. सन 2016-17 के सीएसआरनुसार इस प्रकल्प की कीमत3615.29 करोड़ रुपए हुई है. इनमें से 2425.95 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. धनोडी के बांध की संचयन क्षमता 253.34 दलघमी वाले इस प्रकल्प को 31 दरवाजे है. लेकिन 42 वर्ष में काम पूर्ण न होने से खेतशिवार में पानी पहुंचा ही नहीं, इस बात का दुख आर्वी, देवली व पुलगांव परिसर के किसानों को है. बांध का काम पूर्ण हुआ है. लेकिन पानी संचयन क्षमता में निंबोली, दुरुगवाडा, धारवाडा, पिंपलखुटा, अल्लीपुर यह गांव बाधा साबित हो रहे हैं. नि गांवों का अब तक 100 प्रतिशत पुनर्वसन नहीं हुआ है.
* कैसी है सिंचाई क्षमता
प्रकल्प के कालवा व वितरण प्रणाली पर होने वाली सिंचार्ई 52 हजार 539, आर्वी उपसा सिंचाई योजना से8,330 हेक्टर तो खर्डा बैरेज से 2 हजार 464 हेक्टर ऐसे कुल 63 हजार 333 हेक्टर सिंचन क्षमता है. मात्र अब तक वितरण प्रणाली में सिर्फ 34 हजार 870 हेक्टर सिंचाई व्यवस्था हुई है. इस प्रकल्प के भ्रष्टाचार बाबत हाइकोर्ट के नागपुर खंडपीठ में रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है. अहवाल के बाद भ्रष्टाचार प्रकरण का पता लगेगा ही, लेकिन इस प्रकल्प बाधित किसानों ने एवं बांध क्षेत्र के लाभार्थी किसानों ने अब तक जो खोया है, उसकी भरपाई कैसे नहीं होगी.

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