विदर्भ

नॉन कोविड मरीजों के इलाज की दरे तय न करे सरकार

मुंबई चिकित्सा संगठन एसो की नागपुर हाईकोर्ट में याचिका

नागपुर/दि.२५ – राज्य सरकार द्वारा नॉन कोविड मरीजों के इलाज पर लगाए जानवाले नियंत्रण के खिलाफ मुंबई के चिकित्सक संगठन एसोसिएशन ऑफ मेडिकल कंसलटेंट्स (एएमसी) ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ की शरण ली. संगठन ने हॉस्पिटल एसोसिएशन नागपुर और डॉ. प्रदीप अरोरा द्वारा कोर्ट में दायर रिट याचिका में मध्यस्थी अर्जी दायर करके अपनी बात रखी है. एएमसी ने अपनी अर्जी में कोर्ट को दलील दी है कि राज्य सरकार के एकतरफा फैसले के कारण मौजूदा वक्त में प्रदेश के चिकित्सकों को भारी परेशानी झेलनी पड रही है. हाल ही में सरकार ने निजी अस्पतालों के लिए कोविड मरीजों के इलाज की दरें तय की थी. इसके बाद मई में नॉन-कोविड मरीजों की भी दरें तय की.जो कि पूरी तरह गलत निर्णय है. नॉन-कोविड मरीजों के इलाज का मुद्दा आपदा प्रबंधन अधिनियम २००५ व एपिडेमिक डिसीजेस एक्ट १८९७ के तहत नहीं आता, ऐसे में सरकार इनके इलाज की दरें तय नहीं कर सकती.

  • संगठन ने हाईकोर्ट में दलील दी है कि नॉन कोविड मरीजों के इलाज की दरें तय करते वक्त अस्पताल प्रबंधन को कई मुद्दों पर गौर करना होता है. अस्पताल के आकार, सुविधाएं, बिजली, स्टाफ, टैक्स व अन्य मुद्दों को ध्यान में रखकर इलाज की दर तय होती है.ऐसे में यदि सरकार स्वयं इलाज की दरे तय कर दे, तो यह निजी असपतालों के साथ अन्याय है. कोरोनाा संक्रमण से निपटने के लिए अग्रणी भूमिका निभानेवाले अस्पतालों को राज्य सरकार के कारण आर्थिक अडचन का सामना करना पड़ रहा है. कोर्ट ने उनका आवेदन स्वीकार कर मामले की सुनवाई २५ सितंबर को रखी है.

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