नागपुर/दि.२३ – कोरोना महामारी के चलते सभी स्कूल, महाविद्यालय व कॉलेज बंद होने के कारण हाल फिलहाल की स्थिति में ऑनलाइन व्दारा ई-लर्निंग के माध्यम से स्कूल, महाविद्यालयों की पढाई जारी है. ई-लर्निंग के बावजूद भी निजी स्कूल अभिभावकों से अनाप शनाप फीस वसूल कर उनकी जेब खाली करने में लगे है. पालकों की मांग है कि शिक्षा विभाग स्कूलों पर कार्रवाई करे, परंतु अब तक ऐसा हुआ नहीं है.
नागपुर में जो स्थिति देखने को मिल रही है, उसके पीछे के तकनीकी कारण जानने का प्रयास किया गया. इसमें हमें उसके पीछे के कारणों का पता चला है कि महाराष्ट्र एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस (रेगुलेशन ऑफ फीस) एक्ट २०११ के प्रावधान स्कूलों का तर्क है कि इन नियमों के तहत राज्य सरकार को स्कूलों की फीस तय करने के अधिकार नहीं है. फीस स्कूल स्वयं तय करेंगे. पालकों को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने ८ मई २०२० को जीआर जारी किया था. जिसमें स्कूलों में फीस वृध्दि पर रोक लगाई गई. पालकों को फीस भरने के लिए इंस्टॉलमेंट व अन्य प्रकार की राहत देने के आदेश दिए गए. लेकिन कुछ स्कूलों ने इसके खिलाफ मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के इस जीआर पर रोक लगा दी. हालांकि राज्य सरकार इसके खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय गई. qकतु सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को दोबारा उच्च न्यायालय के समक्ष ही अपनी दलीलें रखने के आदेश दिए तब से फीस के मुद्दे पर राज्य सरकार बैकफूट पर है. मामला न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण शिक्षा विभाग भी स्कूल फीस नियंत्रण की दिशा पर वेट एंड वॉच की भूमिका में है. इस स्थिति का स्कूल फायदा उठा रहा हैं.
स्कूल प्रबंधन के खिलाफ पालकों ने किया आंदोलन
इसी मुद्दे पर मंगलवार को शहर के दत्तवाडी स्थित एक निजी स्कूल में पालकों ने फीस का विरोध किया. स्कूल पालकों को एक्टिविटी फीस भरने के लिए कह रहा है, एक्टिविटी फीस नहीं भरने पर विद्यार्थियों को परीक्षा से वंचित रखने की चेतावनी दी गई है. पालकों ने स्कूल प्रबंधन के इसी रवैये के खिलाफ लिखित में अपना विरोध जताया. उल्लेखनीय है कि यह पहला मामला नहीं है, शहर के अधिकांश नामी स्कूलों में ऐसी ही स्थिति है. स्कूल पालकों को ट्यूशन फीस, ई-लर्निंग फीस, अमाल्गामेटड फंड और कई अनापशनाप फीस भरने के लिए कहते हैं. आए दिन शहर के विविध स्कूलों के समक्ष पालकों के आंदोलन जारी है. इसके पूर्व भी विविध स्तरों पर शिकायतें हुई हैं, लेकिन तमाम शिकायतों के बावजूद अब तक शिक्षा विभाग स्कूलों पर नियंत्रण लगाने में सफल नहीं हुआ है.
स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है
स्कूलों की अनापशनाप फीस का मुद्दा हमारे ध्यान में है, परंतु न्यायालयीन मामलों के कारण कुछ पांबदियां हैं. मगर इसका अर्थ यह नहीं है कि स्कूलें अनापशनाप फीस वसूल करेंगे. नियमों में हमारे पास कई प्रकार के अधिकार हैं, जिससे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. मामले में हमने जांच भी शुुरु कर दी है, जिसका परिणाम जल्द ही सबके सामने होगा.
– अनिल पारधी, शिक्षा उपसंचालक नागपुर