हिं.स./दि.१२
शिर्डी – आर्थिक नियोजन के साथ प्राप्तिकर, अन्य कर, केन्द्रीय कानून निर्माण होनेवाले न्यायालयीन वाद-विवाद टालने के लिए तिरूपति की तर्ज पर साइसंस्थान अंतर्गत उद्देश्यनुसार विविध ट्रस्ट निर्माण करने का विचार शुरू है. आयकर विभाग ने २०१३ से २०१८ तक संस्थान को ४३७ करोड का प्राप्तिकर भरने के लिए नोटिस दी है.फिलहाल यह विवाद सर्वोदय न्यायालय में शुरू है. न्यायालय ने प्राप्तिकर भरने मेंं स्थगिती दी है. इस पृष्टिभूमि पर उद्देश्यनुसार विविध ट्रस्ट करना अत्यंत आवश्यक हुआ है. विगत दिनों साईसंस्थान के सीईओ अरूण डोंगरे ने इस संबंध में प्रधान सचिव को पत्र भेजकर ट्रस्ट निर्माण करने के लिए तत्वत: मान्यता प्राप्त होने के लिए पत्र भेजा था. नवनियुक्त सीईओ कान्हूराज बगाडे को यह विषय प्रमुखता से हल करना पडेगा. फिलहाल साईसंस्थान के पंजीकृत एक ही ट्रस्ट है. इस माध्यम से मंदिर व्यवस्थापन, भक्तों के दर्शन व निवासस्थान जैसी सुविधा, भोजनालय, अस्पताल, शैक्षणिक संस्था आदि उपक्रम चलाते है. दान को छोडकर लगभग सभी विभाग घाटे में है. ठेकेदार सहित ६ हजार कर्मचारी है. इस पर से वर्ष में लगभग पौने २०० करोड खर्च होता है.फिलहाल साईसंस्थान की ओर २२०० करोड की रकम गिरवी है. तिरूपति देवस्थान ने मुख्य ट्रस्ट से संबंधित उद्देश्यनुसार विविध १० ट्रस्ट किए है.