विदर्भ

छात्रवृत्ति लेने वाले पिछड़ावर्गीय विद्यार्थियों की संख्या कम हुई

नियोजन के अभाव में दिक्कतें बढ़ी

नागपुर/प्रतिनिधि दि.१४ – राज्य सरकार की उदासीनता, नियोजन का अभाव और आवेदन करने के लिए आने वाली दिक्कतों के कारण 10 वीं के बाद शिक्षा ग्रहण करने वाले व पात्र होने के बावजूद भी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन न करने वाले पिछड़ावर्गीयों की संख्या महाराष्ट्र में काफी कम हुई है. करीबन 5 लाख से अधिक पिछड़ावर्गीय विद्यार्थी मेट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करते थे. वह संख्या 2020-21 में मात्र 15 हजार तक पहुंची है.
केंद्र व राज्य सरकार व्दारा दसवीं के बाद मिलने वाली छात्रवृत्ति के भरोसे लाखों पिछड़ावर्गीय विद्यार्थियों ने शिक्षा ग्रहण की. उच्च शिक्षा ली. अनेकों ने विदेश में जाकर भी शिक्षा ग्रहण की और अपने व देश का नाम रोशन किया. लेकिन गत कुछ वर्षों से राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति के लिए पात्र ठहराये जाने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम हुई है. आवेदन करने वालों की संख्या कम नहीं, लेकिन अनेक तकनीकी दिक्कतों के कारण पात्र विद्यार्थियों के आवेदन समय पर प्रस्तुत नहीं होते. परिणामस्वरुप केंद्र सरकार की ओर से छात्रवृत्ति के लिए मिलने वाला निधी भी कम हो रहा है. 2015-16 इस शैक्षणिक वर्ष का विचार करने पर करीबन 5 लाख 79 हजार 274 विद्यार्थियों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किए थे. 2020-21 में यह संख्या 15,629 थी. छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने वालों की संख्या कम होने का ग्राफ चिंता का विषय है.
विशेष रुप से छात्रवृत्ति में पारदर्शकता लाने और लाभार्थी विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति मिले, इसके लिए केंद्र सरकार ने दिशानिर्देश जारी किये है. उसका पालन किया गया तो यह प्रश्न सहजता से हल हो सकता है. लेकिन केंद्र सरकार की यह गाईड लाईन भी राज्य सरकार ने लागू नहीं की. जिसके चलते राज्य सरकार पिछड़ावर्गियों की छात्रवृत्ति बाबत उदासीन दिखाई दे रही है.

  • ऐसे हैं केंद्र के दिशानिर्देश

– महाविद्यालय में प्रवेश लेते समय छात्रवृत्ति का आवेदन भरा जाये.
– प्रत्येक महाविद्यालय में छात्रवृत्ति के काम देखने के लिए स्वतंत्र अधिकारियों की जिम्मेदारी निश्चित की जाये, उसका खर्च केंद्र सरकार करेगी.
– छात्रवृत्ति का ऑडिट हो.
– उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग, वैद्यकीय महाविद्यालय व सामाजिक न्याय विभाग में समन्वय हो.
– जूूूून माह में छात्रवृत्ति का आवेदन आने पर अगस्त में निधि मिलेगा.
-आवेदन करने के लिये संभवतः नेशनल स्कॉलरशीप पोर्टल का इस्तेमाल करें.

  • दस वर्ष की छात्रवृत्ति की स्थिति

वर्ष           लाभार्थी विद्यार्थी
2011-12    4,16,485
2012-13    4,83,387
2013-14    3,96,296
2014-15    3,42,108
2015-16    5,79,274
2016-17    4,35,292
2017-18    2,27,480
2018-19    3,09,282
2019-20    2,66,013
2020-21    15,629

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