विदर्भ

चोरी का सोना बेचनेवाला कथित प्रतिष्ठित गिरफ्तार

डेढ साल बाद उजागर हुआ मामला, ३९५ ग्राम सोना भी जप्त

नागपुर/दि. १८ – डेढ वर्ष पूर्व बजाज नगर निवासी सेवानिवृत्त प्राध्यापक शेंडे अपने परिवार सहित किसी रिश्तेदार के यहां आयोजीत कार्यक्रम में शामिल होने गये थे और अज्ञात चोरों ने उनके बंद घर का ताला तोडकर घर में रखे ४५५ ग्राम सोने सहित नकद रकम चुरा ली थी. इस मामले की लगातार जांच करते हुए बजाज नगर पुलिस ने डेढ वर्ष बाद चोरी का सोना बेचने के मामले में एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जो एक गांव में प्रतिष्ठित व्यक्ति के तौर पर रह रहा था और इसी कथित प्रतिष्ठित व्यक्ति ने खुद के साथ ही अपने पिता को कैन्सर रहने की बात कहते हुए अपने एक परिचित सराफा व्यवसायी के पास जाकर चोरी का सोना बेचा था. इस व्यक्ति को हिरासत में लेने के साथ ही पुलिस ने सराफा व्यवसायी के पास से ३९५ ग्राम सोना भी बरामद किया है. जिसकी कीमत २० लाख ५४ हजार रूपये बतायी जाती है. हिरासत में लिये गये कथित प्रतिष्ठित व्यक्ति का नाम प्रकाश मारोतराव पंचभाई (४५, शेगांव नगर, बहादुरा) बताया गया है. इसके साथ ही पुलिस ने श्रीकांत जीवन निखाडे (२९, तीतुर, कुही) नामक एक अन्य आरोपी को भी गिरफ्तार किया है.
जानकारी के मुताबिक ३ व ४ अगस्त २०१९ की रात हुई इस चोरी के मामले की शिकायत दर्ज होने के बाद इसकी जांच करते हुए बजाज नगर पुलिस ने बुटीबोरी निवासी अमोल महादेव राउत को गिरफ्तार किया था. जिसने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया था कि, उसने चोरी के गहने श्रीकांत निखाडे को दे दिये थे. पुलिस तब से श्रीकांत की खोज कर रही थी. लेकिन वह बार-बार अपने रहने का ठिकाना और मोबाईल नंबर बदल रहा था. उसका लोकेशन हर बार किसी नये शहर में दिखाई देता था. जिसकी वजह से पुलिस उसे पकड नहीं पा रही थी. इसी बीच विगत दिनों पुलिस को पता चला कि, सावनेर तहसील के एक ढाबे पर श्रीकांत काम कर रहा है. जिसके बाद दो दिन पहले पुलिस ने श्रीकांत को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की. जिसके बाद उसने चुराये गये सोने को बहादुरा गांव में प्रतिष्ठित नागरिक के तौर पर रहनेवाले प्रकाश पंचभाई नामक व्यक्ति की सहायता से बेचे जाने की जानकारी दी. जिसके आधार पर पुलिस ने प्रकाश पंचभाई को गिरफ्तार किया. जिसने चोरी का माल बेसा निवासी सराफा व्यवसायी दुर्गेश सुरपाटणे के पास बेचने की जानकारी दी. जिसके आधार पर पुलिस ने सूरपाटणे से इस मामले को लेकर पूछताछ की, तो उसने प्रकाश पंचभाई से ३९५ ग्राम सोना खरीदने की कबूली देते हुए बताया कि, वह प्रकाश पंचभाई को बहादुरा गांव का प्रतिष्ठित व्यक्ति होने के नाते जानता है. प्रकाश पंचभाई ने अपने हृदय में छेद रहने के साथ ही अपने पिता को कैन्सर रहने की बात कहते हुए इलाज के लिए पैसों की जरूरत रहने के चलते गहने बेचने की बात कही थी और इस बात पर विश्वास रखते हुए उसने प्रकाश द्वारा लाया गया सोना खरीदा था. इस बयान के आधार पर पुलिस को यह विश्वास हो गया कि, सराफा व्यवसायी सूरपाटणे को वह सोना चोरी का माल रहने के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. अत: उसे कार्रवाई से अलग कर दिया गया तथा उसके पास से ३९५ ग्राम सोना जप्त कर लिया गया. इसके अलावा आरोपी प्रकाश पंचभाई व श्रीकांत निखाडे को ३१ नवंबर तक पुलिस कस्टडी में रखने का आदेश प्राप्त करते हुए इन दोनों से चोरी के इस मामले सहित अन्य मामलों को लेकर पूछताछ की जा रही है.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डेढ वर्ष पूर्व बेचे गये इस सोने की ऐवज में ९ लाख ५० हजार रूपये प्राप्त हुए थे. जिसमें से श्रीकांत और प्रकाश पंचभाई ने डेढ-डेढ लाख रूपये रखे और साढे चार लाख रूपये अमोल राउत को दिये गये थे. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, पुलिस अब तक आरोपी अमोल राउत से एक रूपये की भी वसूली नहीं कर पायी है.

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