कपास के दाम में तेजी कायम… बाजार में आवक मर्यादित
नागपुर/दि.22 – अंतर्राष्ट्रीय बाजार की कपास दर गत सप्ताह की तुलना में 6 सेंट प्रति पौंड से कम हुई फिर भी जारी सप्ताह में सरकी की कीमत थोड़ी बढ़ने से देशांतर्गत कपास बाजार की तेजी कायम है. मौसम की शुरुआत में कीमत में चढ़ाव उतार के बाद फिलहाल कपास की दर 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल पर स्थिर हुई है. दर बढ़ने की प्रतीक्षा में किसानों द्वारा चरणबद्ध तरीके से कपास की बिक्री किए जाने से बाजार में आवक भी मर्यादित है.
1. अगस्त 2021
110 सेंट प्रति पौैंड
विश्व बाजार में
7,500-7,900
रुपए प्रतिक्विंटल। भारत में
2. विगत सप्ताह में
141.7 सेंट प्रतिपौंड
अब
3. फिलहाल की कीमत
10,200-11,300 रुपए
मध्यम लंबा व लंबा धागा
13,000-14,400 रुपए प्रतिक्विंटल अतिरिक्त लंबा धागा
कारण- सरकी की दर देशांतर्गत प्रतिक्विंटल 170 से 300 रुपए ने बढ़ी है. फिलहाल तेजी कायम रहेगी. दर बढ़ने पर 11,500 तक दाम मिलेंगे.
इस कपास को मिलती है चढ़ी दर
– धागे की लंबाई 29 मि.मी. से अधिक
-आरडी 74 से अधिक
– मायक्रोनिअर 3.60 (माईक)
– कचरे का प्रमाण 3%
– मॉईश्चर 9%
-अन्य कपास की दर.
राज्यनिहाय कपास की दर सरकी की दर
सरकी दर में चढ़ाव-उतार
– सरकी की ढेप का सर्वाधिक इस्तेमाल मवेशियों के खाद्य के लिए होता है. फिलहाल किसान मवेशियों को मक्का व गेहूं की लकड़ियां, पैरा व धान का भुसा दे रहे हैं.
– सरकी की ढेप का इस्तेमाल कम हुआ है. खाद्य तेल की दर बढ़ने से सरकी की दर में थोड़ी बहुत तेजी आयी है.
– सरकी की दर स्थिरर रहने से आगामी समय में कपास के दाम प्रति क्विंटल एक से दो हजार रुपए से बढ़ने की संभावना कॉटन एडवायंझरी बोर्ड के पूर्व सदस्य विजय निवल ने व्यक्त की.
13,000 से 14,400 रुपए प्रति क्विंटल.
– अतिरिक्त लंबे धागे के कपास को (32 मि.मी. से अधिक लंबा).
– इस कपास का सर्वाधिक उत्पादन कर्नाटक व तमिलनाडू में होता है.
फिलहाल कपास की कीमत बनी रहेगी. विश्व बाजार में दाम बढ़ने से भारत की दर बढ़ेगी. सरकी के दाम में चढ़-उतार शुरु है. आगामी समय में कपास के दाम स्थिर रहेंगे.
– विजय जावंघिया, किसान संगठना
हेश में कपास का कुल उत्पादन का 90 से 95 प्रतिशत अंदाज फरवरी के आखिर में आ सकता है. जिसके चलते मार्च व अप्रैल में कपास की कीमत बढ़ेगी. जुलाई व अगस्त में वह कम होगी.
– गोविंद वैराले, पूर्व सरव्यवस्थापक, पणन महासंघ