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गांव के इर्दगिर्द बढने लगा अधिवास
धारणी/दि.3 – सेमाडोह से बोरी तक फैले जंगल से सटे मार्गों पर यहां से गुजरने वालों को बाघ, तेंदुए व जंगली भैसों के दर्शन होने लगे है. इससे पर्यावरण प्रेमियों में जोरदार रोमांच देखने को मिल रहा है. अब तक कोलकास के पास ही जंगली भैसे नजर आ रहे थे, लेकिन अब सेमाडोह गांव के पास सडक के किनारे जंगली भैसे खुलेआम घुम रहे है.
धारणी से 50 किलोमीटर दुर सेमाडोह-धारणी मार्ग पर कुछ राहगिरों ने गुरुवार की सुबह 9 बजे जंगली भैसा देखा. अमरावती-बुर्हाणपुर मार्ग पर भीमकाय जंगली भैसा देखकर राहगीर स्थब्ध हो गए. कुछ लोगों ने अपने मोबाइल में फोटो और वीडियों भी निकाले. सिपना वन्यजीव विभाग के सेमाडोह वन्यजीव परिक्षेत्र के कई गांवों को पुनर्वसन किया गया हैं. इस वजह से वन्यप्राणियों का मुक्त संचार बढने लगा है. धारणी तहसील के कृषि अधिकारी कार्यालय के मंडल अधिकारी अरुण बेठेकर ने सेमाडोह गांव के पास रात के अंधेरे में सिपना नदी की ओर जाते हुए तेंदुए को देखा. गांव से लगे जंगल में तेंदुआ दिखाई देने से इस परिसर में वन्य जीवों की संख्या बढने का अनुमान लगाया गया है. सेमाडोह के पास कुछ लोगों ने जंगली क्षेत्र में अतिक्रमण कर खेती शुरु कर दी थी. वह अतिक्रमण वन विभाग ने हटा दिया. जिसके कारण यहां वन्य प्राणियों की संख्या बढने लगी है. एक व्यक्ति ने कुछ दिन पूर्व ही सेमाडोह-परतवाडा मार्ग पर बाघ के दर्शन किये थे. जैसे-जैसे जंगल में बसे गांवों का पुनर्वसन हो रहा है, वैसे वैसे वन्य प्राणियों का संचार भी बढने लगा है.