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संस्थान करेगा स्कायवॉक की देखभाल व सौंदर्यीकरण
नागपुर प्रतिनिधि/दि.15 – संतश्रेष्ठ श्री गजानन महाराज की शेगांव नगरी में बनाये गये स्कायवॉक सहित उनाड नाला एवं दो रास्तों को आगामी तीन दिनों के भीतर गजानन महाराज संस्थान को हस्तांतरित किया जाये. इस आशय का आदेश नागपुर खंडपीठ द्वारा अमरावती के संभागीय आयुक्त को दिया गया है. गुरूवार को इस संदर्भ में न्या. सुनील शुक्रे व न्या. अविनाश घरोटे के समक्ष सुनवाई हुई.
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि, राज्य सरकार ने इस संदर्भ में 24 अगस्त 2020 को करार किया है. ऐसे में अंतिम प्रारूप के अनुसार तीन सप्ताह के भीतर मंजुरी देते हुए उस लिहाज से करार किया जाना चाहिए. साथ ही असामाजिक तत्वों से संरक्षण हेतु दो रास्तों को मंदिर संस्थान के कब्जे में देना अत्यावश्यक है. इस सुनवाई के दौरान अमरावती के संभागीय आयुक्त द्वारा प्रस्ताव रखा गया था कि, स्कायवॉक का निर्माण पूर्ण हो चुका है. अत: उसे देखभाल हेतु गजानन महाराज मंदिर संस्थान को सौंप दिया जाना चाहिए. जिस पर एड. अरूण पाटिल ने हाईकोर्ट को बताया कि, स्कायवॉक सहित उनाड नाला एवं दो रास्तों को संस्थान के कब्जे में सौंपना ज्यादा योग्य रहेगा.
बता दें कि, शेगांव में संत गजानन महाराज की समाधि दर्शन हेतु प्रति वर्ष लाखों की संख्या में श्रध्दालु आते है. ऐसे में शेगांव नगरी का विकास करने हेतु आनंदलाल भुतडा तथा सुरेश जयपुरी ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है. जिस पर हुई सुनवाई के दौरान शेगांव संस्थान की ओर से एड. अरूण पाटिल, कोर्ट मित्र एड. फिरदौस मिर्जा, मुख्य सरकारी वकील केतकी जोशी व एड. दिपक ठाकरे, जीवन प्राधिकरण की ओर से एड. काकाणी तथा शेगांव नगर परिषद की ओर से एड. डी. एम. काले ने पैरवी की.