विदर्भ

शिक्षकों की सुविधा से ज्यादा छात्रों की पढाई ज्यादा महत्वपूर्ण है

उच्च न्यायालय का निर्णय

नागपुर/प्रतिनिधि दि.३० – शिक्षकों की सुविधा से ज्यादा आदिवासी क्षेत्र के छात्रों की पढाई ज्यादा महत्वपूर्ण है. इस संबंध में मुंबई उच्च न्यायालय के नागपुर खंडपीठ ने एक मामले में स्पष्ट रुप से कहते हुए तबादले के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका खारिज की है. न्यायधीश सुनील शुक्रे व अविनाश घरोटे ने यह निर्णय दिया. नागपुर के सहायक शिक्षिक मीना मोथरकर की धारणी के आदिवासी क्षेत्र में आनेवाले साद्राबाडी के स्कूल में तबादला किया गया. इस तबादले पर मोथरकर ने आपत्ती जतायी है. उच्च न्यायालय ने विविध कानूनी पहलूओें को ध्यान में लेकर उनको राहत देने से साफ इंकार किया है.
कानून के अनुसार आदिवासी क्षेत्र के स्कूल में रिक्त पद प्राथमिकता से भरना अनिवार्य है. साद्राबाडी की स्कूल में 412 छात्र पढते है. यहां पर गणित व विज्ञान विषय शिक्षकों के पद रिक्त थे. छात्रों का शैक्षणिक नुकसान टालने के लिए यह पद तत्काल भरना आवश्यक था इसलिए मोथरकर का तबादला किया गया. 18 फरवरी 2008 में सरकार के निर्णय के अनुसार महिला शिक्षिका की आदिवासी क्षेत्र में तबादला नहीं किया जा सकता यह मोथरकर का दावा न्यायालय ने खारिज कर दिया. न्यायालय ने बताया कि साद्राबाडी यह दुर्गम क्षेत्र होने का कोई भी सबूत रिकार्ड पर नहीं है.

Related Articles

Back to top button