विदर्भ

एमगिरी की तकनीक लोगों तक नहीं पहुंची

केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जताया खेद

वर्धा प्रतिनिधि/दि. ६ – गांव के किसान, मजदूर, बेरोजगार युवको को गांव में ही रोजगार दिलाने और गांवों को स्वयंपूर्ण बनाने का महात्मा गांधी का सपना था. इसके लिए वर्धा के ग्रामीण इलाको मेें रोजगार निर्मिति करनेवाले तकनीकी को विकसित करने और यह तकनीक गांव तक पहुंचाने के लिए एमगिरी की स्थापना की गई.एमगिरी द्वारा ग्रामीण इलाको में उद्योगों को बढ़ावा मिले, ऐसी विविध तकनीकी विकसित की गई है. लेकिन यह तकनीक ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक नहीं पहुंच पायी है . यह खेद केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने जताया है. महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगीकरण संस्था द्वारा विकसित किए गये तकनीक पर आधारित उद्योजकता विकास व संभावना जनजागृति कार्यशाला का आयोजन एमगिरी के सभागृह में किया गया था.

इस दौरान गडकरी ने ऑनलाईन मार्गदर्शन किया.इस कार्यक्रम में पालकमंत्री सुनील केदार, सांसद रामदास तडस, विधायक पंकज भोयर, जिलाधिकारी विवेक भिमनवार, एमगिरी के संचालक आर.के. गुप्ता मौजूद थे. गडकरी ने कहा कि वर्धा के ड्रायफूड का कार्य पूरा होने से वह शुरू होने पर जिले से २ हजार करोड़ रूपयों की सब्जियों की निर्यात की जा सकेगी. घरों के कचरे से घर-घर में खाद निर्मिति करने पर किसानों को रासायनिक खाद से मुक्ति मिलेगी. एमगिरी में विकसित किए गये तकनीकी का उपयोग कर वर्धा जिले के कम से कम १० हजार लोगों को काम दिया जा सके, ऐसा प्रकल्प तैयार किया जाए. वर्धा के खादी, गोरसपाक का बड़े पैमाने पर उत्पादन, ब्रैंडिंग और निर्यात करने पर इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार निर्मित किए जा सकते है. यह विश्वास भी उन्होंने जताया.

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