विदर्भ

जिप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के कार्यकाल वृध्दि को मिलेगी चुनौती

उच्च न्यायालय की याचिका में संशोधन करने की अनुमति

नागपुर/दि.16- नागपुर व अकोला जिला परिषद के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के कार्यकाल को तीन माह की समयावृध्दि दिये जाने संबंधी आदेश को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में चुनौती दिये जाने की संभावना है. न्यायालय ने गत रोज ही इस मामले में निर्णय लेने हेतु याचिकाकर्ताओें को दो सप्ताह का समय दिया. साथ ही यह भी कहा कि, यदि इस आदेश को चुनौती देना है, तो याचिकाकर्ताओं द्वारा अपनी याचिका में दुरूस्ती की जा सकती है.
ग्राम विकास विभाग के उपसचिव ने 8 जुलाई 2022 को एक परिपत्रक जारी करते हुए दोनों जिला परिषदों के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के चुनाव को स्थगिती दी थी. जिसके खिलाफ नागपुर जिला परिषद की उपाध्यक्ष सुमित्रा कुंभारे व सभागृह नेता अवंतिका लेकुरवाले सहित अकोला जिला परिषद के सदस्य सम्राट डोंगरदिवे ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की थी. इसी बीच सरकार ने शुक्रवार को संबंधित आदेश जारी करते हुए जिप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के कार्यकाल को तीन माह की समयावृध्दि देने का निर्णय लिया. साथ ही इस आदेश से पहले घोषित हुए उपाध्यक्ष पद के चुनाव अब अगले आदेश तक नहीं होंगे. ऐसी जानकारी न्यायालय को दी. जिसके चलते चुनाव स्थगित करने के आदेश के साथ-साथ न्यायालय में दायर याचिका भी निरर्थक हो गई. ऐसे में याचिकाकर्ताओं ने कार्यकाल वृध्दि के आदेश को चुनौती देने हेतु निर्णय के लिए अदालत से समय की मांग की. कानून के मौजूदा प्रावधानों के मुताबिक जिप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का कार्यकाल ढाई वर्ष का होता है. जिसके अनुसार इन दोनों जिला परिषदों में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का कार्यकाल 16 व 17 जुलाई को खत्म हो रहा है. ऐसे में अब अदालत ने याचिकाकर्ताओं को अपनी याचिकाओं में संशोधन करने हेतु दो सप्ताह का समय दिया है. जिसकी ओर अब सभी की निगाहें लगी हुई है.

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