विदर्भ

बालू मामा की दानपेटी चोरों ने लाई वापस

भाविकों में चमत्कार की चर्चा

दर्यापुर/दि.25 – येवदा परिसर में बालू मामा के ठिये पर की दानपेटी चोरी चली गई. सर्वत्र खोजबीन के पश्चात दूसरे दिन अचानक जहां से गुम हुई, उसी स्थान पर ही पैसों सहित यह दानपेटी मिलने की चर्चा येवदा परिसर में सर्वत्र शुरु है. परिणामस्वरुप भक्तों की भीड़ बालू मामा के ठिये पर बढ़ने लगी है. बालू मामाच्या नावानं चांगभल यह मराठी सीरियल कलर्स मराठी चैनल पर शुरु है. संत सद्गुरु बालू मामा की चमत्कारी छाप प्रेक्षकों पर पड़ने से अनेक प्रेक्षक बालू मामा के भक्त बन गए हैं. ऐसे में विगत 15 दिनों से येवदा परिसर में बालू मामा की भेड़ें व उनके चमत्कार चर्चा का विषय बने हैं.
कर्नाटक के बेलगांव जिले में चिक्कोडी तहसील के अक्कोल गांव में सोमवार 3 अक्तूबर 1982 में धनगर परिवार में एक बालक का जन्म हुआ. वे यानि सद्गुरु बालू मामा थे. विगत चार दिनों से बालू मामा की मूर्ति वाला रथ व उनकी हजारों भेड़ेयेवदा परिसर में दाखिल हुए हैं. लोगों की दर्शन के लिए भीड़ लगी है. चार दिनों से रात 8 बजे हजारों की संख्या में भाविक महाप्रसाद का लाभ लेते हैं. लेकिन 24 फरवरी की सुबह 6 बजे बालू मामा के कार्यक्रम स्थल पर की दानपेटी चोरी चली जाने की चर्चा संपूर्ण पंचक्रोशी में होने लगी. बाला मामा के कारण ही दानपेटी मिलने की चर्चा जोरों से शुरु है.

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