विदर्भ

नवेगांव-नागझीरा के बाघ को मिलेगी दो नई सहेली

आज वन मंत्री की मौजूदगी में जंगल में छोडी जाएंगे दो मादा बाघ

नागपुर/गोंदिया/दि.20– नवेगांव-नागझीरा व्याघ्र प्रकल्प के बाघ को नई सहेलियां मिलने वाली है. इस प्रकल्प में शनिवार 20 मई को दो मादा बाघ छोडे जानेवाले है.
गत सितंबर में वनविभाग ने चंद्रपुर जिले के मानव-प्राणी संघर्ष को टालने के लिए चार-पांच बाघों को दूसरे वनक्षेत्र में स्थानांतरित करने की अनुमति दी थी. पश्चात दो माह बाद बाघ को पकडने की प्रक्रिया शुरु हुई. लेकिन छह माह तक निर्धारित बाघों को पकडा जा नहीं सका. इस कारण वन अधिकारियों व्दारा इन दो मादा बाघों को पकडा गया. इसमें से एक बाघ को 14 मई को ताडोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के कोलसा वनक्षेत्र से तथा दूसरी मादा को 16 मई को गडचिरोली जिले के आरमोरी वनक्षेत्र से पकडा गया है. इन दोनों मादा का मनुष्य से संघर्ष होने का रिकॉर्ड नहीं है. ताडोबा-अंधारी की मादा को हिरडी नाला मादा ने जन्म दिया है. बाघों की संख्या बढाने के लिए इन मादाओं को नवेगांव-नागझीरा व्याघ्र प्रकल्प में छोडने के लिए सांसद सुनील मेंढे ने राज्य के वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार के पास प्रयास किए थे. मुनगंटीवार ने यह प्रस्ताव मंजूर किया.

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