विदर्भ

पत्नी को पति के जैसा जीवन जीने का अधिकार

हाईकोर्ट का फैसला, 12 हजार रुपए की खावटी कायम रखी

नागपुर /दि.3– मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने एक प्रकरण में पत्नी को पति के जैसा जीवन जीने का अधिकार है, ऐसा स्पष्ट करते हुए पत्नी की 12 हजार रुपए की खावटी कायम रखी है. न्यायमूर्ति उर्मिला जोशी-फलके ने यह फैसला सुनाया.
इस प्रकरण के दम्पति नागपुर के रहने वाले है. वे पारिवारिक विवाद के कारण अलग हुए है. उन्हें 20 साल का बेटा है. 28 मई 2024 को पारिवारिक न्यायालय ने पति की आर्थिक आय, बढती महंगाई, बेटे के शिक्षा के खर्च को ध्यान में रखते हुए पत्नी को प्रति माह 12 हजार रुपए की खावटी मंजूर की. इस फैसले को पति ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. उच्च न्यायालय ने पति की याचिका खारिज कर दी. पत्नी दयनीय अवस्था में अपना जीवन बिताये, ऐसी अपेक्षा पति नहीं कर सकता. पति जिस दर्जे का जीवन बीता रहा है, उसी दर्जे का जीवन जीने का का पत्नी को अधिकार है. इस प्रकरण की पत्नी को दैनंदीन आवश्यकता सहित बेटे के शिक्षा का भी खर्च उठाना पडेगा. इसके लिए उसे सम्मानजनक खावटी देना आवश्यक है, ऐसा उच्च न्यायालय ने दर्ज कर पारिवारिक न्यायालय का निर्णय सही ठहराया.

* पति है टेलर
पति का टेलरिंग का व्यवसाय है. उसके पास 10 से 20 कारागिर काम करते है. वह हर माह करीबन 50 हजार रुपए कमाता है, ऐसी जानकारी पत्नी की तरफ से न्यायालय को दी गई.

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