मोर्शी/दि.17– अमरावती जिले में कई वर्षों से ड्राय जोन रहने वाले मोर्शी, वरूड, चांदुर बाजार का अटल भूजन योजना में समावेश है. इन तीनों तहसील के 217 गांव की अटल भूजल योजना केवल गांव की सीमा पर लगाए गए फलक तक की सीमित दिखाई देती है. इस योजना अंतर्गत गाद निकलना, रिचार्ज शाफ्ट तथा बांध की देखभाल दुरुस्ती करना, जलस्तर गिनने पिजोमीटर लगाना, नाला गहराईकरण करना, बांध दुरुस्ती सहित विविध प्रकार के जलसंधारण के काम किए जाते है. ऐसे अनेक काम ड्राय जोन रहनेवाले मोर्शी, वरूड तहसील में करने की जरूरत है.
राष्ट्रवादी काँग्रेस के तहसील अध्यक्ष रुपेश वालके ने अटल भूजल योजना में सहभागी रहने वाले कुछ गांव के रिचार्ज शाफ्ट काम का निरीक्षण नापजोख करने पर वे केवल 13 से 50 फूट तक किया पाया गया. लेकिन इस ओर भूजल सर्वेक्षण और विकास यंत्रणा ध्यान नहीं दे रही. जो काम किए जा रहे है, वह घटिया दर्जे के होने से किसान हित की अटल भूजल योजना का बंटाधार होने का आरोप राकांपा तहसील उपाध्यक्ष रुपेश वालके किया है. अटल भूजल, जल युक्त शिवार योजना ठेकेदारों को समृद्ध करने के लिए है या ड्राय झोन सूखा मुक्त करने के लिए है, ऐसा सीधा सवाल उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से किया है. मोर्शी वरूड तहसील के अटल भूजल योजना में सहभागी गांव के संपूर्ण कामों की जांच कर दोषी अधिकारियों को निलंबित करने की मांग रुपेश वालके ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजितदादा पवार, पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल, विधायक यशोमति ठाकूर, विधायक बच्चू कडू, विधायक देवेंद्र भुयार से की है.
योजना बनी सफेद हाथी
भूजल पुनर्भरण की उपाय योजनाओं द्वारा तथा जल संधारण व कृषि विभाग की सूक्ष्म सिंचाई की उपाय योजना द्वारा भूजल स्तर में सुधार करना यह अटल भूजल योजना का मुख्य उद्देश्य है. किंतु अधिकारियों की उदासीन नीति के कारण ड्रायजोन रहनेवाले मोर्शी, वरूड तहसील में अटल भूजल योजना सफेद हाथी बन रही है, ऐसा दिखाई देता है.
-रुपेश वालके,उपाध्यक्ष,
राकांपा, मोर्शी तहसील