विदर्भ

10 वर्षो से ट्रक में बसाया संसार

पत्नी, दो बेटियों को साथ लेकर ट्रक के साथ खींच रहे संसार की भी गाडी

नागपुर/ दि. 18– पिछले 10 सालों से बुलढाणा जिले के सिंधखेड राजा तहसील के गांव जमुना के रहनेवाले एकनाथ तुकाराम पवार ने अपनी पत्नी ललिता पवार व दो बेटियों के साथ ट्रक में ही अपना संसार बसा लिया है. एकनाथ पवार को एक 5 वर्ष की व दूसरी 7 वर्ष की बेटी है. तीसरी 9 वर्ष की बेटी गांव में ही रहती है. आर्थिक परिस्थिति नाजुक होने के चलते परिवार चलाना कठिन होने की वजह से जहां भी वे ट्रक में माल लेकर जाते हैं. जिसमें उनकी पत्नी और बेटियां भी साथ रहती है. पत्नी भी उन्हें ट्रक चलाने में मदद करती है.
जिले के वडघामना में ट्रक लेकर आए एकनाथ पवार ने अपने संघर्ष की कहानी सुनाई. एकनाथ पवार ने कहा कि उन्होंने महिन्द्रा कंपनी से कर्ज लेकर ट्रक लिया था. ट्रक में तकनीकी खराबी के चलते अनेक बार उन्हें रास्ते पर ही खडा रखना पड रहा था. साथ ही आरटीओ यातायात पुलिस द्बारा अवैध वसूली किए जाने के चलते उन्हें आर्थिक आय में परेशानी हो रही थी. ट्रक का कर्जा चुकाने उन्हें 68 हजार 500 रूपए की किस्त भरनी पड रही थी. दो वक्त की रोटी का भी जुगाड नहीं हो रहा था. ऐसे में उन्होंने पैसे की बचत होने की दृष्टि से ट्रक में ही अपना संसार बसा लिया. जहां भी जाते हैं. अपने परिवार को साथ लेकर जाते है. ट्रक में ही उन्होंने रोजाना लगनेवाली सामग्री रखली है और उन्हें ट्रक चलाने में उनकी पत्नी भी मदद करती है.
* मदद का दिया आश्वासन
ट्रक चालकों को आरटीओ, पुलिस व यातायात माफिया द्बारा हफ्ता वसूली का सामना करना पडता है. यह समस्या केवल पवार परिवार की ही नहीं है. बल्कि अनेक ट्रक चालकाेंं की है. जिसमें गोपाल परिवार फाउंडेशन के प्रल्हाद अग्रवाल, दिनेश अग्रवाल, भाईचारा परिवहन सेवा, संगठना अध्यक्ष नरेंद्र मिश्रा ने उन्हें मदद का आश्वासन दिया. मदद की आशा पर रहनेवाले पवार परिवार को सरकार और सामाजिक संस्थाओं से मदद की अपेक्षा हैं. उन्हें ट्रक की किश्तों में सहूलियत और अपनी बेटियों के लिए शिक्षा के लिए मदद की आवश्यता है.

* योग्य नीति अपनाकर अवैध वसूली रोके
प्रशासन ने अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया तो ऐसे ही अनेक ट्रक मालक व उनके परिवार को इसी तरह की समस्या से गुजरना होगा. यातायात क्षेत्र में काम करनेवाले लोगों के लिए सरकार द्बारा योग्य नीति अपनाकर अवैध वसूली को रोकना आवश्यक है. गोपाल परिवार फाउंडेशन व भाईचारा परिवहन सेवा संगठना, शिवाजी वाहन चालक संगठना इन संस्थाओं ने पवार परिवार से मुलाकात कर उन्हें सहायता का हाथ दिया.

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