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नागपुर /दि.21– चालू सत्र में राज्य के 40 लाख 78 हजार 352 हेक्टेअर क्षेत्र में कपास की बुआई की गई है. इस कारण राज्य में 200 से अधिक कपास खरीदी केंद्र शुरु करने की आवश्यकता है. ऐसा दावा जनहित याचिकाकर्ता श्रीराम सातपुते ने किया है. उन्होंने इस बाबत गुरुवार को मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में हलफनामा दायर किया है.
नागपुर जिले में 2 लाख 10 हजार 389 हेक्टेअर क्षेत्र मेें कपास की बुआई की गई है. वहां से 21 लाख 3 हजार 810 क्विंटल कपास का उत्पादन होने की संभावना है. ऐसा रहते हुए सावनेर में कपास खरीदी केंद्र शुरु नहीं किया गया था. इस कारण किसानों ने विधायक आशीष देशमुख को ज्ञापन सौंपकर केंद्र शुरु करवाया. इसके अलावा चामोर्शी, मूलचेरा, अहेरी, सिरोंचा, एटापल्ली, भामरागढ और गढचिरोली में 55 हजार एकड में कपास की बुआई है. वहां से 6 लाख 60 हजार क्विंटल कपास का उत्पादन हो सकता है. चामोर्शी कृषि उपज मंडी ने भारतीय कपास महामंडल को ज्ञापन देकर कपास खरीदी केंद्र की मांग की है. महामंडल द्वारा हर वर्ष अगस्त माह में ही कपास खरीदी केंद्र की निविदा जारी कर दशहरे से कपास खरीदी शुरु किया जाये, ऐसा भी सातपुते ने हलफनामें में दर्ज किया है. इस प्रकरण पर न्यायमूर्ति नितिन सांबरे और न्यायमूर्ति वृशाली जोशी के सामने सुनवाई हुई. महामंडल द्वारा सातपुते के हलफनामे पर जवाब पस्तुत करने के लिए आगामी 6 मार्च तक समय मांगा गया है.