विदर्भ

अति भीडभाड वाले रास्ते पर पटाखों की दुकान लगने से लोगों में डर का माहौल

प्रशासन ने परमिशन दी या नहीं दी इस पर प्रश्न चिन्ह

मूर्तिजापुर/दि.16 – हाल ही में संपूर्ण देश और महाराष्ट्र राज्य कोरोना महामारी और लॉकडाउन की स्थिति से उभलकर आ रहा है. धीरे धीरे अपने रोजमर्रा के कामकाज शुरू होकर, एसटी बस, रेल्वे, व्यापार पेठ, बाजार पेठ और सभी छोटे-मोटे लघु उद्योग धंधे खुल गये है तथा सभी यातायात व्यवस्था सूचारु होने लगी हैं. विशेषता सभी देवस्थान, स्कूल, कॉलेज भी पूरी तरह खुल चुके हैं. दिनों दिन ग्रामीण से शहर में शहर से ग्रामीण में लोगों की आवाजाही भी बढ़ रही है. हाल ही में हिंदुओं का सबसे बड़ा दशहरा त्यौहार 15 अक्तूबर शुक्रवार को संपन्न हुआ है और दशहरे पश्चात नवदुर्गा वित्सर्जन संपन्न होगा. इतना ही नहीं तो दीपावली नजदीक यानी 15 से 20 दिन पर आ पहुंची है। जिससे बहुतांश व्यापारी वर्ग की नई नई दुकानें सड़कों पर लग जाती है. दीपावली में सबसे मनोरंजक पटाखे की दुकाने भी लगती है.
मूर्तिजापुर शहर में भी बडे पैमाने पर पटाकों की दुकानें लगने वाली है. पिछली बार यह पटाकों की दुकानें लगाने के लिए थी कुछ दिनों से बंद पडी मुर्तिजापुर शहर स्थित प्रतिभा टॉकीज के आगे की अतिक्रमित प्रांगण में दुकानें लगाने मूर्तिजापुर प्रशासन की ओर से परमिशन दी गई थी, लेकिन अबकी बार कुछ दिनों पहले ही उस बंद पडी प्रतिभा टॉकीज को जमीन दोस्त करके उस जगह पर भव्य शॉपिंग मॉल का कंट्रक्शन बड़े पैमाने पर शुरू है और अगल बगल में कंट्रक्शन की सामग्री बिखरी पड़ी है. उसी में से थोड़ी अतिक्रमित जगह बचती है. उस अतिक्रमित जगह के किनारे से मूर्तिजापुर से अकोला, कारंजा, अमरावती और ग्रामीण विभागों की ओर जाने वाला एकमात्र मुख्य रोड है सबसे ज्यादा ट्रॉपिक इसी रास्ते से चलती है और स्कूल कॉलेज भी इसी रास्ते पर आते हैं. ऐसे में इन पटाखों की दुकानों को प्रशासन व्दारा रोडटच अतिक्रमित जगह पर परमिशन दी है या नहीं दी इस पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है. लेकिन इस रास्ते से एसटी बसेस और निजी यात्री वाहनों की सबसे जादा आवाजायी होती है. और बड़े पैमाने पर लोग भी इसी रास्ते से पैदल आना जाना करते हैं. फिर भी प्रशासन पटाकों की दुकानों को यहां किस किस वजह पर लगानेेकी अनुमति दी है, इस संदर्भ में लोगों में तर्क विर्तक शुरु है. पिछले दिनों कुछ शहरों में पटाखों की दुकानों को आग लगने की खबरें आई थी. उसमें आम नागरिक और नगर प्रशासन को कितनी तकलीफों का सामना करना पड़ा था, ऐसी कोई भी घटना बोल कर नहीं घटती है, होनी अनहोनी कुछ भी हो सकती है. इस ओर ध्यान रखते हुए मूर्तिजापुर प्रशासन ने पटाखों की दुकानों के लिए शहर में खुले मैदान होते हुए भी अतिक्रमित जगह पर पटाखे की दुकानें क्यों लगाने दे रही है? मूर्तिजापुर शहर में शुक्रवार आठवडी बाजार और शासकीय रेस्ट हाऊस के अगल बगल में बहुत बडा मैदान उपलब्ध है। इस जगह पर पटाखों की दुकान को बनाने की परमिशन प्रशासन ने देना चाहिए, जिससे आम नागरिकों को परेशानियों का सामना ना करना पड़े और प्रशासन को भी सिरदर्द ना बढे. यही मंशा रखते हुए प्रशासन ने इसी जगह पर पटाखों की दुकानें लगाने की परमिशन देना चाहिए.

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