विदर्भ

समृद्धि हाईवे के 6 टोल प्लाजा पर कोई भी आरटीओ अधिकारी नहीं

हाईकोर्ट में याचिकाकर्ता की निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत

नागपुर /दि.30– समृद्धि हाईवे पर जानलेवा दुर्घटना और अपर्याप्त सुरक्षा उपायों के मुद्दे पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में एक जनहित याचिका प्रलंबित है. इस याचिका में महाराष्ट्र राज्य सडक विकास निगम (एमएसआरडीसी) दावा किया है कि, वह समृद्धि महामार्ग पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विभिन्न उपायों को लागू कर रहा है.
दूसरी ओर कल बुधवार को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता ने कोर्ट में शपथ पत्र दायर करते हुए बताया कि, नागपुर से निकलने पर इस महामार्ग पर पहले 250 किमी के 6 टोल प्लाजा में से किसी पर भी एक भी आरटीओ अधिकारी नहीं मिला. साथ ही याचिकाकर्ता ने यह भी दावा किया कि, एक तरह से आरटीओ विभाग समृद्धि महामार्ग की उपेक्षा कर रहा है.
नागपुर खंडपीठ में अनिल वडपल्लीवार ने यह जनहित याचिका दायर की है. इस मामले में कोर्ट ने आदेश दिया था कि, याचिकाकर्ता व्यक्तिगत रुप से समृद्धि महामार्ग का दौरा करें और निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करें. नद्नुसार, याचिकाकर्ता ने समृद्धि महामार्ग का दौरा किया. 15 नवंबर को उन्होंने 500 किमी की यात्रा पूरी की, जिसमें 250 किमी जाना और 250 किमी वापस आना था. याचिका पर बुधवार को न्या. नितिन सांबरे और न्या. वृषाली जोशी के समक्ष हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने शपथ पत्र दायर करते हुए निरीक्षण रिपोर्ट की जानकारी प्रस्तुत की. यह शपथपत्र समृद्धि महामार्ग के गंभीर विफलता को उजागर करता है. वाहनों की अनुपालन, टायर सुरक्षा या गति विनियमन की जांच के लिए 6 टोल प्लाजा पर कोई आरटीओ अधिकारी या कर्मचारी मौजूद नहीं था. इसके अलावा, महामार्ग पर अपर्याप्त यात्री सुविधाओं पर भी प्रकार डाला गया है. यह भी दावा किया गया है कि, यात्रियों को शौचालयों की खराब स्थिति, विकलांगों के लिए पहुंच की कमी और गंदे होटलों के कारण परेशानी हो रही है. वहां एम्बुलेंस, प्राथमिक चिकित्सा किट और डिस्पेंसरी जैसी सुविधाएं भी नहीं थी. याचिकाकर्ता की ओर से एड. श्रीरंग भांडारकर ने पैरवी की.

* एमडी को उपस्थित रहने के निर्देश
सुनवाई के दौरान एमएसआरडीसी द्वारा समृद्धि महामार्ग पर किये गये उपायों के बारे में पुरानी जानकारी देने के कारण कोर्ट ने कडे शब्दों में निराशा जतायी. कोर्ट ने कहा कि, हमें पुरानी जानकारी नहीं चाहिए. साथ ही कोर्ट ने इस मामले में प्रगती रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिये है. कोर्ट ने इस सुनवाई में एमएसआरडीसी के एमडी को वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए उपस्थित होने के मौखिक आदेश दिये है.

* समृद्धि पर 202 लोगों ने गंवाई थी जान
इस जनहित याचिका में हाईवे पुलिस द्वारा शपथ पत्र दायर किया गया था. शपथ पत्र के मुताबिक 11 दिसंबर 2022 से 31 अगस्त 2024 तक समृद्धि हाईवे पर कुल 2161 दुर्घटनाएं हुई. इनमें 115 दुर्घटना गंभीर थी. अब तक 202 लोगों ने इस दुर्घटना में अपनी जान गंवाई है. 1800 से अधिक लोग घायल हुए है. इनमें 663 गंभीर और 1134 मामूली रुप से घायल हुए है. सबसे ज्यादा 829 दुर्घटनाएं नागपुर विभाग अंतर्गत हुई है. इसमें 111 लोगों की मृत्यु हुई है.

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