पिछले लोकसभा चुनाव के समय बैंकों में हुई थी बडी गडबडी
1 लाख 71 हजार 774 करोड का घोटाला होने की जानकारी आयी सामने
नागपुर/दि.7– बीते 10 वर्ष के दौरान देश की कुल बैंकों में 1 लाख 71 हजार 774 करोड रुपए का सबसे बडा आर्थिक घोटाला सन 2019 के दौरान होने की सनसनीखेज जानकारी सामने आयी है. इस घोटाले में से केवल 9 फीसद रकम ही बैंक में वापिस आयी. विशेष उल्लेखनीय है कि, उसी वर्ष देश में लोकसभा के चुनाव हुए थे. ऐसे में अब संदेह जताया जा रहा है कि, उस आर्थिक गडबडी के तहत 1 लाख 55 हजार 819 करोड रुपए कहीं चुनाव में तो नहीं प्रयुक्त हुए.
बैंकों में घोटाले, अनियमितता व आर्थिक गडबडी कोई नई बात नहीं है. परंतु इस घोटाले के आंकडे देखकर आंखें फटी की फटी रह रही है. विगत 10 वर्ष के दौरान यानि सन 2013-14 से 2022-23 के दौरान देश की कुल बैंकों में 5 लाख 32 हजार 181 करोड रुपए के घोटाले होने की जानकारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने दर्ज की है. जिसमें से वर्ष 2019 में ही 1 लाख 71 हजार 774 करोड रुपए का सबसे बडा आर्थिक घोटाला होने की जानकारी सामने आयी है. जानकारी के मुताबिक विगत 10 वर्ष के दौरान देश की विविध बैंकों में 69 हजार 707 घोटाले हुए. वर्ष 2013-14 में 4 हजार 295 घोटाले हुए थे और घोटाले की रकम 9 हजार 986 करोड रुपए थी. वहीं वर्ष 2014-15 में 4 हजार 661 घोटाले हुए थे और घोटाले की रकम 19 हजार 13 करोड रुपए थी, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना से भी अधिक थी. विशेष उल्लेखनीय यह भी है कि, इस वर्ष भी लोकसभा के चुनाव हुए थे और इसके बाद लगातार घोटालों की संख्या व घोटालों की रकम बढती चली गई. जिसके बाद वर्ष 2019-20 में 8 हजार 588 घोटाले हुए. जिनमें 1 लाख 71 हजार 774 करोड रुपए की रकम का घोटाला हुआ, जो विगत 10 वर्षों के दौरान सबसे बडा आर्थिक घोटाला रहा और इस वर्ष भी देश में लोकसभा चुनाव हुए थे. इस घोटाले में से कुछ रकम को बैंकों ने वसूल किया है. परंतु यह केवल 9 प्रतिशत है. बैंकों ने घोटाले की कुल रकम में से केवल 15 हजार 955 करोड रुपए वसूल किए है. यानि अब भी 1 लाख 55 हजार 819 करोड रुपए संबंधित बैंकों को वापिस नहीं मिले है. ऐसे में यह सवाल उपस्थित हो रहा है कि, कहीं घोटाले की रकम को चुनावी प्रचार जैसे कामों में तो खर्च नहीं किया गया.