विदर्भ

प्रतिष्ठा के बारे में सोच शिकायत करने में अक्सर देर करा देती है

महिलाओं पर अत्याचारों के मामलों में कोर्ट की राय

नागपुर/दि.10 – बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने स्पष्ट किया है कि, महिलाओं के खिलाफ लैंगिक अत्याचारों के मामलों में लोग शिकायत करने के पूर्व काफी सोच-विचार करते हैं. इज्जत की फिक्र के कारण शिकयत करने में देरी भी होती है. ऐसे में आरोपी को यह लाभ नहीं दिया जा सकता कि घटना और शिकायत के बीच समय का काफी अंतर है.
इस निरीक्षण के साथ हाई कोर्ट ने नागपुर सत्र न्यायालय के उस फैसले को कायम रखा है, जिसके तहत नागपुर निवासी किशोर मोहर्ले को 11 वर्षीय बालिका के विनयभंग का दोषी करार दिया था. सत्र न्यायालय ने युवक को 3 वर्ष की जेल और 2 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी. इस फैसले को आरोपी ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. 27 सितंबर 2019 को आरोपी ने 11 वर्षीय बालिका को घर बुलाया और उसके साथ छेडछाड की. बालिका ने यह बात परिजन को बताई तो 28 सितंबर शाम 5 बजे पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई. आरोपी ने हाईकोर्ट में दलील दी थी कि, उसके और पीडिता के परिवार के बीच अच्छे संबंध नहीं होने के कारण उसे फंसाया जा रहा है. यही कारण है कि, घटना और पुलिस मेें दर्ज शिकायत में एक दिन से अधिक की देरी की गई.

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