विदर्भ

‘यह तो समुचे गडचिरोली के आदिवासियों का सम्मान’

अभय व राणी बंग को शाहू महाराज पुरस्कार घोषित

नागपुर/ दि. 17-कोल्हापुर के शाहू महाराज के नाम से संपूर्ण महाराष्ट्र का शिश सम्मान से झुकताव है. उनके नाम से हम दोनों को पुरस्कार की घोषणा से विनम्रता से हमारा शीश झुका है. हम कृतज्ञ है. यह समुचे गडचिरोली के आदिवासियों का सम्मान है, ऐसी प्रतिक्रिया डॉ.अभय बंग ने व्यक्त की. गडचिरोली जिले के आदिवासियों के स्वास्थ्य के लिए निष्काम भावना से काम करने वाले डॉ.अभय और डॉ. राणी बंग को प्रतिष्ठा का इस वर्ष का राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज पुरस्कार घोषित हुआ है. शाहू महाराज के जयंती दिवस पर 26 जून को उक्त पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. डॉ.बंग दंपत्ति गडचिरोली के दुर्गम क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा का कार्य तथा लोगों को स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करने का साथ ही विविध बीमारियों पर संशोधन करने का महत्वपूर्ण कार्य सर्च (खोजग्राम) के माध्यम से कर रहे है. डॉ.अभय बंग का बचपन सेवाग्राम आश्रम गुजरा. उनकी प्राथमिक शिक्षा भी महात्मा गांधी ने शुरु किए नई तालीम शिक्षा प्रणाली की स्कूल में हुई. इसलिए उनके विचारों पर महात्मा गांधी के तत्वज्ञान का प्रभाव है. भारत सरकार का पद्मश्री पुरस्कार (2018), महाराष्ट्र शासन का महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार (2005), भारतीय आरोग्य विज्ञान संशोधन संस्था के गोईण पुस्तक को साहित्य पुरस्कार और आदिवासियों का सामाजिक स्वास्थ्य इस विषय पर किए संशोधन के लिए आदिवासी सेवक व मुक्तिपद नशामुक्ति केंद्र को महाराष्ट्र राज्य पुरस्कार आदि विविध 16 पुरस्कारों से उनके गौरव हुआ है. उनके इन कार्यों को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष दिया जाने वाला राजर्षि शाहू पुरस्कार डॉ.बंग दंपत्ति को प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा.

 

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