नाबालिग का गर्भपात करने वाले डॉक्टर समेत तीन गिरफ्तार
महिला डॉक्टर को 30 हजार का लालच महंगा पडा
आर्वी/दि.11 – नाबालिग लडकी के साथ पडोस में रहने वाले एक 17 वर्षीय बालक ने जबर्दस्ती शारीरिक संबंध स्थापित किये. जिसके चलते वह गर्भवती हो गई. इस नाबालिग युवती का गर्भपात कराने वाली महिला डॉक्टर समेत दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
मिली जानकारी के अनुसार 6 माह पूर्व नाबालिग लडकी के साथ नाबालिग लडके ने जबर्दस्ती दुष्कर्म किया. पिछले पांच-छह माह से नाबालिग लडकी स्कूल नहीं जा रही थी, इस बात का लाभ उठाते हुए, इसके बाद दो से तीन बार उसने शारीरिक संबंध स्थापित किये. जिससे लडकी गर्भवती हो गई. डर के मारे लडकी ने यह बात किसी से नहीं बताई. रविवार 2 जनवरी को पेड दर्द की शिकायत होने पर उसकी मां बेटी को लेकर डॉ. गुल्हाने के पास गई. उन्होंने जांच कर लडकी पांच माह की गर्भवती होने की बात बताई. मां के व्दारा कडी पूछताछ करने पर लडकी ने सारी आपबीती सुनाते हुए लडकी ने आरोपी लडके का नाम भी बताई. इसके बाद पीडिता की मां आरोपी के माता-पिता के पास गई तो उन्होंने उनकी लडकी को बदनाम करने की धमकी दी और उनका मुंह बंद करवा दिया. इसके पश्चात लडकी का गर्भपात कराने के लिए वे डॉ.रेखा कदम के अस्पताल गए. तब डॉ.रेखा कदम ने नाबालिग लडकी होने तथा पांच माह की गर्भवती होने के कारण 30 हजार रुपए की मांग की. आरोपी के माता-पिता ने उतने रुपए देकर गर्भपात करवाया. 4 जनवरी को लडकी को अस्पताल में भर्ती करवाया गया. डॉ.रेखा कदम ने गर्भपात की गोलिया देकर इलाज श्ाुरु किया. 6 जनवरी के तडके 4 बजे लडकी का बाथरुम में गर्भपात हुआ. नर्स ने उसे ले जाकर इलाज शुुरु किया. इसके बाद भी आरोपी और उसके माता-पिता ने पीडिता के माता-पिता को धमकी देना जारी रखा. आखिर रविवार को पीडिता की मां ने हिम्मत जुटाकर पुलिस में शिकायत दी. पुलिस ने गर्भपात करने वाली रेखा कदम, किशोर सहारे, नलु सहारे व नाबालिग लडके के खिलाफ अलग-अलग धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
ऐसे किया डॉक्टर को गिरफ्तार
शिकायत प्राप्त होते ही रविवार 10 जनवरी से पुलिस अपने काम में जुट गई. कदम अस्पताल के रात 1 बजे के बाद ताला लगाकर लाइट बंद कर दिये गये थे. पुलिस रातभर वहीं पहेरा देकर नजर रखे हुए थी. सोमवार की सुबह होते ही डॉ.रेखा कदम को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने सभी आरोपियों को सत्र न्यायालय के विशेष अदालत में पेश किया गया. न्यायमूर्ति अडोने की अदालत ने सभी आरोपियों को एक दिन पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश दिये.