ब्रेन डेड मरीज के अंगदान से तीन लोगों को मिली नई जिंदगी
सावंगी अस्पताल में किडनी प्रत्यारोपण सफल
वर्धा/दि.16-हादसे के बाद बे्रन डेड हुए मरीज का लीवर और दो किडनी इस अंगदान से तीन लोगों को नई जिंदगी देने वाली सकारात्मक घटना सावंगी मेघे के आचार्य विनोबा भावे ग्रामीण अस्पताल में हुई.
चंद्रपुर जिले के कोरपना तहसील में दोपहिया वाहन की टक्कर से सेराज (भोसना) के सुखदेव श्यामसुंदर बोबडेे (45) गंभीर रूप से घायल हो गए। सिर में गंभीर चोट लगने के कारण उन्हें बेहोशी की हालत में सावंगी मेघे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस अस्पताल में उनका तीन दिनों तक इलाज किया गया, लेकिन जब मरीज के ठीक होने की सारी संभावनाएं खत्म हो गई थी. जिसे देखते हुए डॉ.चंद्रशेखर महाकालकर, डॉ.तुषार पाटिल, डॉ.ईशान गाडेकर, डॉ.संदीप झटवार, डॉ.अमोल आंधले, डॉ.प्रिन्स वर्मा इन विविध विभाग के तज्ञों की टीम ने जांच कर मरीज को ब्रेन डेड घोषित किया. सावंगी अस्पताल के ऑर्गन ट्रान्सप्लांट समन्वयक डॉ. विठ्ठल शिंदे और डॉ. रूपाली नाईक ने परिवार के सदस्यों को मरणोपरांत अंगदान का महत्व समझाया. मां हीराबाई, पत्नी पौर्णिमा, बेटा सोहम और छोटे भाई ने अंगदान के लिए सहमति दे दी. अंगदान से प्राप्त लीवर और एक किडनी का प्रत्यारोपण सावंगी अस्पताल में भर्ती दो जरूरतमंद मरीजों पर किया गया. जबकि दूसरी किडनी को ग्रीन कॉरिडोर की मदद से नागपुर के केयर हॉस्पिटल में प्रत्यारोपण के लिए भेजा गया.
सावंगी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. संजय कोलते, यूरोलॉजिस्ट डॉ. अभिजीत ढाले, डॉ. ऋतुराज पेंढारकर, डॉ. मनीष बलवानी, नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. कपिल सेजपाल, डॉ. शुभम दुबे, डॉ. प्रांजल कशीब, एनेस्थेसिस्ट डॉ. विवेक चकोले और टीम द्वारा किडनी प्रत्यारोपण किया गया.