विदर्भ

बाघ का हमला मामूली घटना नहीं, जख्मी को 1 लाख रुपए भरपाई दें

हाईकोर्ट का वनविभाग को आदेश

* चंद्रपुर जिले का प्रकरण
नागपुर/दि.29- बाघ का हमला यह मामूली घटना नहीं हो सकती, ऐसा स्पष्ट मत मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने व्यक्त कर बाघ के हमले में घायल हुई महिला को 1 लाख रुपए भरपाई अदा करने के आदेश वनविभाग को दिए. यह प्रकरण चंद्रपुर जिले का है. इस पर न्या. रोहित देव व न्या. वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई.
जानकारी के मुताबिक जख्मी महिला का नाम कविता वामन कोकोडे (37) है. यह महिला चंद्रपुर जिले के सिंदेवाही तहसील में आनेवाले वाकल ग्राम निवासी है. कविता पेशे से मजदूर है. वह परिवार का पेट भरने के लिए खेतों में मजूदरी करती थी. 24 जनवरी 2017 को वह तुअर की फसल काटने के लिए खेत में गई थी. इस दौरान बाघ ने उस पर हमला किया. आसपास के मजदूर सहायता के लिए दौडने पर बाघ जंगल में भाग गया और कविता बाल-बाल बच गई. लेकिन तब तक बाघ ने उसे गंभीर रुप से घायल कर दिया था. इस कारण वह बेहोश हो गई थी. चंद्रपुर के सरकारी अस्पताल में चार दिन उपचार करने के बाद उसकी हालत में सुधार हुआ लेकिन वह घरेलू व मजदूरी का काम करने में असमर्थ है. कविता ने 28 नवंबर 2016 के शासन निर्णय के ुमुताबिक वनविभाग को भरपाई के लिए आवेदन किया था.

* वनविभाग को फटकार
बाघ का हमला विफल करनेवाली कविता को राज्य सरकार ने शौर्य प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया है. ऐसा रहते हुए वनविभाग ने उसे केवल 10 हजार रुपए भरपाई दी. यह निर्णय काफी अचंभित है, ऐसे शब्दों में अदालत ने वनविभाग को फटकारा, बाघ का हमला मामूली घटना नहीं हो सकती. वनविभाग ने केवल जख्म देखे. कविता जिस मानसिक तनाव में रही वह नहीं देखा गया, ऐसा भी अदालत ने कहा.

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