बाघ ने मारा तो 15 लाख, सांप के काटने पर कुछ नहीं
नागपुर/प्रतिनिधि दि.२४ – बाघ के हमले में किसी की मृत्यु होने पर 15 लाख रुपए मिलते है. जंगली सुअर के हमले में जख्मी होने पर 4 लाख की मदद मिलती है. लेकिन सांप के काटने से किसी की मृत्यु होने पर किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिलती.इस बाबत बार-बार चर्चा होती है. लेकिन कोई उपाय योजना नहीं होती.
बाघ, बिबटा, जंगली सुअर और ऐसे अन्य प्राणियों के हमले में मनुष्य जख्मी होने पर उन्हें 4 लाख रुपए की मदद मिलती है. मृत्यु होने पर रिश्तेदारों को 15 लाख रुपए दिए जाते हैं. लेकिन सांप के लिए ंंंमुआवजा देने का कोई भी नियम वनविभाग के पास नहीं है. साप को वन्यजीव संरक्षण कानून अंतर्गत संरक्षण दिया गया है. इसी तरह सांप का अनावश्यक प्रदर्शन, तस्करी करना ऐसे कृत्यों में सहभागी करने वालों पर कार्रवाई भी की जाती है. मात्र, सांप के काटने से मनष्य की मृत्यु होने पर मुआवजे की सुविधा उपलब्ध करवाई नहीं गई है.
बाघ, बिबटे सरीखे प्राणी जंगल में ही रहते हैं. इस कारण उनके व्दारा हमला किये जानेे का स्थान निश्चित किया जा सकता है. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सांप जंगल के समान ही खेत, निवासी क्षेत्र में, बस्ती में कही भी दिखाई देता है. इस कारण सर्प दंश कही भी हो सकता है और इसलिए वनविभाग की ओर से किसी भी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया जाता.
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मुआवजे की बार बार मांग
सर्पदंश मृत्यु के लिए या जख्मी होने पर मोेबदला दिया जाए. ऐसी मांग वनविभाग से बार बार की जाती रही है. अनेक विधायकों ने विधिमंडल में भी इस बाबत प्रश्न उपस्थित किए है. सर्पदंश संबंधी का निर्णय लेने के लिए शासकीय समितियों की स्थापना की गई है. लेकिन इन समितियों ने भी मुआवजा देने संबंधी अपने विचार प्रस्तुत नहीं किए.