विदर्भ

चुनाव के लिए 2011 की जनगणना किसे लागू है?

हाईकोर्ट ने 4 अक्तूबर तक मांगा स्पष्टीकरण

नागपुर/दि.28- लोकसभा व विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति प्र-वर्ग के लिए 2011 की जनगणना के मुताबिक निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित रखने का मानक संपूर्ण देश के लिए लागू है अथवा केवल जम्मू और कश्मीर के लिए, ऐसी पूछताछ मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने बुधवार को संबंधित पक्षकार से की और इस पर आगामी 4 अक्तूबर तक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए.
इस संदर्भ में सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद तभाने ने जनहित याचिका दायर की है. इस पर न्यायमूर्ति चांदूरकर व वृषाली जोशी की बेंच के समक्ष सुनवाई हुई. सीमांकन आयोग की वकील एड. निरजा चौबे ने सीमांकन कानून में 2019 में की गई दुुरुस्ती के मुताबिक 2011 की जनगणना का मानक केवल जम्मू और कश्मीर के लोकसभा व विधानसभा के चुनाव के लिए लागू करने का दावा किया. जबकि याचिकाकर्ता के वकील एड. आनंद परचुरे ने यह दुरुस्ती संपूर्ण देश के लिए लागू होती है इस ओर ध्यान केंद्रीत किया. इस कारण अदालत ने दोनों को इस विषय पर और संशोधन करने तथा आगामी तिथि को विस्तृत भूमिका रखने कहा. देश में हर 10 वर्ष बाद जनगणना करना और उसके मुताबिक लोकसभा व विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति प्र-वर्ग के लिए निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित रखना आवश्यक है. इस संदर्भ में संविधान की धारा 330 में प्रावधान है, ऐसा याचिकाकर्ता का कहना है.

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