चिखलदरा/ दि. 19- चिखलदरा स्थित एकलव्य रेसिडेंशियल मॉडल स्कूल की इमारत को रहने के दृष्टिकोण से अयोग्य बताते हुए इस शाला को परसापुर में एक किराए की इमारत में चलाया जा रहा है. वहीं इसके दूसरी तरफ चिखलदरा में इस इमारत में आड नदी आश्रम शाला के छात्र-छात्राओं का होस्टल चलाया जा रहा है इस तरह से शासन द्बारा दोहरी भ्ाूमिका निभाने के कारण इस पूरे प्रकरण में किसी षडयंत्र की आशंका नजर आ रही है.
प्राप्त समाचार के अनुसार आदिवासी विकास विभाग महाराष्ट्र ट्रायबल पब्लिक स्कूल सोसायटी नाशिक द्बारा संचालित इस शाला का उदघाटन तत्कालीन राज्यपाल के करकमलों द्बारा किया गया था. करोडो रूपये की लागत से बनी इस रेसिडेंशियल शाला में प्रशासकीय भवन, भोजन कक्ष, छात्र- छात्राओं के लिए अलग-अलग छात्रावास तथा कर्मचारियों के निवास की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है. जिसमें सी.बी.एम.ई पॅटर्न से अंग्रेजी माध्यम से कक्षा 5 वीं से 12 वीं तक के गुणवत्ता प्राप्त आदिवासी छात्र-छात्राएं अध्ययन करते है. चिखलदरा जैसे प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर तथा पूर्ण रूप से प्रदूषण मुक्त वातावरण में इस तरह की सभी सुविधायुक्त शाला में अध्ययन करने का सुअवसर इन छात्र- छात्राओं को मिल रहा था. परंतु कुछ स्वार्थी तत्वों ने अपने स्वार्थ पूर्ति के लिए इस शाला इमारत को यहां ं से 50 किमी दूरी परसापुर के एक खेत में बने असुविधायुक्त इमारत में स्थानांतरित कर इन आदिवासी छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड कर रहे है. साथ ही अच्छी शिक्षा से भी इन्हें वंचित रहना पड रहा है. वहां पर कर्मचारियों के विकास की व्यवस्था न रहने के कारण वे परतवाडा से आना -जाना करते है. जिनके कारण वे विद्यार्थियो को पर्याप्त समय नहीं दे पाते. यही कारण है कि इस वर्ष इस शाला का 10 वीं 12 वीं परीक्षाफल अत्यंत घटिया स्तर का रहा है. अर्थात हर दृष्टिकोण से नुकसान छात्र-छात्राओं का हो रहा है.
बता दे कि इस शाला में मेलघाट के अतिरिक्त राज्य के 11 जिलो के आदिवासी छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाता है. जो पढाई के साथ साथ खेलकूद में अव्वल रहते है. पिछले समय में तो कुछ छात्र पर्वतारोहण जैसे कठिन कार्यो में सफलता हासिल कर चुके है. ऐसे होनहार छात्रों के भविष्य को बर्बाद करना एक जटिल अपराध है. इसलिए शीघ्र ही इस शाला को चिखलदरा में ही यथावत प्रारंभ करने की मांग आदिवासी समाज तथा नगर के प्रबुध्द नागरिको द्बारा की जा रही है.
* परसापुर में नारकीय जीवन जी रहे छात्र
एकलव्य रेसिडेंशियल मॉडेल स्कूल को चिखलदरा से हटा कर परसापर कि जिस इमारत में रखा गया है. वहां अत्यंत ही गंदगी का वातावरण है. छात्र-छात्राओं के लिए समुचित प्रसाधनगृह नहीं है चारों तरफ बदबू है. किसी भी छात्रावास के शासन तथा समाज कल्याण विभाग की ओर से जो मापदंड ठहराए गए है, उससे यह कोसो दूर है . छात्र-छात्राओं की निवास की व्यवस्था पास-पास होने के कारण भी अनुचित घटनाए घटने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता. बेचारे छात्र-छात्राएं नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर है. शासन से मांग है कि शीघ्र ही इस शाला को चिखलदरा में स्थानांतरित करें.