विदर्भ

ग्यारह स्थानों पर ट्रान्झिट ट्रीटमेंट सेंटर का प्लान तैयार

नागपुर मॉडल राज्यभर में

नागपुर/दि.15 – जख्मी प्राणियों पर उपचार कर उन्हें सकुशल निसर्ग मुक्त करने के लिये नागपुर के ट्रांझिट ट्रीटमेंट सेंटर को राज्य एवं देशस्तर पर पूरी मान्यता मिल रही है. नागपुर की तरह अब राज्य के 11 जिलों में ट्रान्झिट ट्रीटमेंट सेंटर का निर्माण करने का लेखाजोखा तैयार किया गया है. वन विभाग व्दारा यह प्लान तैयार किया गया है. इसके लिये राज्य शासन की ओर से अंतिम मंजूरी की प्रतीक्षा होने के साथ ही आगामी वर्ष तक सभी सेंटर कार्यान्वित होने का विश्वास वन विभाग व्दारा व्यक्त किया जा रहा है.
नागपुर का ट्रान्जिट सेंटर देश का पहला वन्यप्राणी वेदना शमन केंद्र के रुप में पहचाना जाता है. नागपुर की तरह अन्य राज्यों में प्राणियों के लिये ट्रान्झिट सेंटर बनाने हेतु नियोजन किया जा रहा है. हाल ही में मध्यप्रदेश वनविभाग की टीम ने सेंटर का अभ्यास दौरा किया. विशेष बात यह है कि अमरावती, यवतमाल, नाशिक, नांदेड़, मुंबई, पुणे आदि जिलों से इस तरह ट्रान्झिट सेंटर निर्मिति की मांग की गई थी. जिसके अनुसार राज्यभर में 11 सर्कल में 11 स्थानों पर ट्रान्झिट सेंटर तैयार करने का प्लान तैयार किया गया है.
जानकारी के अनुसार प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (वन्यजीव) के नेतृत्व में समिति तैयार की गई. इसमें मानद वन्यजीव रक्षक कुंदन हाते का समावेश था. वनविभाग के लिए निःशुल्क सेवा दे रही आर्किटेक्ट वैष्णवी खोंडे ने सभी 11 सेंटर की डिजाईन तैयार की. वनविभाग ने डिजाईन मंजूर कर महाराष्ट्र शासन को भेजी है. राज्य का वन व पर्यावरण मंत्रालय इस योजना के लिए सकारात्मक होकर शीघ्र ही मंजूरी मिलने की जानकारी है.

पांच हजार से अधिक प्राणी, पक्षियों पर उपचार

मानद वन्यजीव रक्षक कुंदन हाते की संकल्पना से नागपुर का ट्रान्झिट सेंटर 2015 से कार्यान्वित हुआ. इससे पूर्व भी प्राणियों पर उपचार किया जाता था. लेकिन 2015 में ट्रान्झिट सेंटर के रुप में मान्यता मिली. तब से करीबन 5000 से अधिक प्राणी और पक्षियों पर उपचार कर उन्हें निसर्ग मुक्त किया गया. इसमें सांप, बंदर, बाघ, तेंदूआ, नीलगाय, हरिण आदि प्राणियों सहित सभी प्रकार के पक्षियों का समावेश है. केंद्र में एक्स-रे मशीन से लेकर सभी प्रकार की सुविधा तैयार की गई है.

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