विदर्भ

अवैध खनन मामले में ट्रांसपोर्टर भी होंगे दोषी

नागपुर/दि.8 – बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने स्पष्ट किया है कि, किराए के वाहन में अवैध खनन पकडे जाने पर ट्रांसपोर्टर पर भी महाराष्ट्र लैंड रेवन्यू कोड 1966 धारा 48 (7) व 48 (8) के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. चाहे इस मामले में अवैध खनन कराने वाले पर कार्रवाई हुई हो या नहीं. कोर्ट के अनुसार, ऐसे मामले में किसी आरोपी को महज इसलिए बरी नहीं किया जा सकता, क्योंकि उसके सह-आरोपी को छोड दिया गया है. हालांकि ट्रांसपोर्टर के खिलाफ जरुरी कार्रवाई संबंधित प्रशासनिक विभाग को ही करनी होगी. दरअसल, हाईकोर्टकी दो डिवीजन बेंच के बीच इस मुद्दे पर असहमति थी. वर्ष 2017 में न्या. आर.के. देशपांडे व न्या.एम.जी. गिरडकर की बेंच ने फैसला दिया था कि, किराए के वाहन में खनन होने पर ट्रांसपोर्टर के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए. बाद में न्या.बी.पी. धर्माधिकारी और न्या.अरुण उपाध्याय की खंडपीठ ने इससे उलट राय रखते हुए माना था कि, ऐसे मामले में ट्रांसपोर्टर पर भी कार्रवाई होनी चाहिए. दो बेंच में मतभिन्नता होने के कारण मुख्य न्यायमूर्ति ने इस पर फैसले के लिए तीन जजों की फुल बेंच गठीत की थी.
‘फुल बेंच’ ने हाल ही में इस पर अपना फैसला दिया है, जिसमें ट्रांसपोर्टर को कार्रवाई का पात्र मानते हुए संबंधित डिवीजन बेंच को इस पर योग्य फैसला देने के आदेश दिए हैं.

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