ट्रैवल्स की टिकटों में इजाफा
-
डीजल के दाम बढऩे का परिणाम
-
ओला-उबेर, प्रीपेड ऑटो के सेवा शुल्क पुराने
नागपुर प्रतिनिधि/दि.३- बीते कुछ दिनों से बढ़ रहे पेट्रोल डीजल के दाम १०० रुपए के आस-पास पहुंचने से निजी बसों के टिकटों के दरों में इजाफा किया गया है. डीजल के दर बढऩे के बाद आधी कीमतों में यात्रिों को लेकर जाना महंगा साबित हो रहा है. इस लिहाज से दाम में इजाफा करने से क्या बिगडा ? यह भावनाएं ट्रैवल्स कंपनियों के संचालकों की की है. इसी दरम्यिान ऑटो और टैक्सी सेवा के दर पूराने ही है.
यहां बता दें कि नागपुर से महाराष्ट्र के मुख्य शहरों सहित मध्यप्रदेश, छत्तीसगड, उत्तर प्रदेश इन राज्यों में निजी बससे दौड़ती है. इन विविध मार्गों पर १०० किमी के लिए साधारण ५० रूपए ज्यादा लिए जा रहे है. यह दरवृद्धि अधिकृत रूप से नहीं की गई है. लेकिन पूर्व के टिकटो से अधिक पैसे अब लेना शुरू किया गया है. हाल की घड़ी में लंबी दूरियों के गाडिय़ों को यात्री नहीं मिल रहे है. इसका ट्रैवल्स संचालकों को दर्द सता रहा है. इसीलिए पूरी बससे भरकर रास्ते पर उतारना अनेक कंपनियों को संभव नहीं. आधे से अधिक निजी बसों के पहिए यात्री नहीं मिलने से थमे हुए है. हाल ही में दो दिनों के लॉकडाउन का असर भी ट्रैवल्स व्यवसाय पर पड़ा है. कोरोना के भय से लोगों ने बाहरगांव जाना भी बंद कर दिया है. अनेक मर्तबा रोजाना का खर्चा भी नहीं निकल पा रहा है. इसीलिए दरवृद्धि के सिवाय दूसरा विकल्प नहीं होने की जानकारी टै्रवल्स संचालकों ने दी है. बस की एक फेरी के पीछे पांच से ६ हजार रुपए अधिक खर्च आ रहा है. इसीलिए मजबूरन टिकटों में बढ़ोत्तरी करनी पड़ रही है.
तीन माह पूर्व डीजल प्रति लीटर ६८ रुपए था और अब यह ८८ रुपयों तक पहुंच गया है. एक तरफ डीजल के दर बढ़ गए है. वहीं दूसरी ओर यात्री कम होने की स्थिति बनी हुई है. एसटी बस का सिवनी का किराया १४० रुपए है. वहीं ट्रैवल्स बस का २५० से ३५० रुपए किराया है. लॉकडाउन के पहले इस मार्ग पर निजी बस का किराया १५० रुपए था.
आठ वर्षों से दरवृद्धि नहीं
रेलवे स्टेशन पर प्रीपेड ऑटो संगठन के अल्ताफ अंसारी ने प्रति किमी दर १८ से २० रुपए करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन पर ट्रेनें कम आ रही है. जिसके चलते यात्री नहीं मिल रहे है. वर्ष २०१२ से ऑटो के दर भी बढ़ाए नहीं गए है. आज भी १४ रूपए प्रति किमी दर में ऑटो चलाए जा रहे है. बीते ९ वर्षों में पेट्रोल के दाम कहां से कहां पहुंच गए है. लेकिन ऑटो के दर बढाने पर प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है.
-
ओला-उबेर की दरों में नो चेंज
शहर में टैक्सी सेवा उपलब्ध करानेवाले ओला-उबेर के दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इस बारे में संगठन के दीपक साने ने कहा कि दर बढ़ोत्तरी के लिए किससे बात करें यह समझ नहीं आ रहा है. नागपुर में कंपनी के अधिकारी कहते है कि वे कुछ नहीं कर सकते. पेट्रोल के दाम इतने बढ़ चुके है, फिर भी हमने दामों में इजाफा नहीं किया है. जिसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. रेलवे स्टेशन से यात्रियों को नहीं ले जाया जा सकता. इस ओर भी रेलवे के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे. नितीन गडकरी को भी निवेदन दिया गया परंतु कोई उपयोग नहीं हुआ. १५ घंटे गाडी चलाकर केवल १४०० रुपए मिलते है. इनमें ८०० से ९०० रुपए डीजल के भरने पड़ते है. शेष ५०० से ६०० रुपए मासिक हफ्ते कैसे भरे, परिवार कैसे चलाएं यह सवाल भी साने ने उठाया.
-
मुख्य मार्गों पर निजी बसों के दर
सिवनी-२५० से ३०० रुपए
जबलपुर-५०० रुपए
हैदराबाद-७५० रुपए
पुणे-९५० से १००० रुपए
वर्धा-१५० रुपए
चंद्रपुर-२५० से ३०० रुपए
यवतमाल-५० रुपए